शहीद रविंद्र सिंह के शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
आंजभौज के शिवा सुनोग में शहीद के स्मृति स्थल पर आयोजित पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
अपने माता – पिता के इकलौते सपूत अमर शहीद रविंद्र सिंह के पैतृक गांव शिवा-सुनोग स्थित समृति स्थल पर प्रातः 11 बजे भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब-शिलाई क्षेत्र व परिवार तथा गांव व पंचायत के सदस्यों ने अमर शहीद रविंद्र को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।
शहीद रविंद्र सिंह 9वीं बटालियन, डोगरा रैजिमेंट के अंतर्गत 1997 में जम्मूकश्मीर के पुलवामा में तैनात थे। 19 जनवरी 1997 को सिपाही रविंद्र सिंह ने दुश्मनों से लोहा लेते हुए अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
90 के दशक से सेना में दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देना रवीन्द्र सिंह के राष्ट्र प्रेम को दर्शाता है तथा माता-पिता के इकलोते सपूत की शहादत के बाद अपने आप को सीमित संसाधनों में बुरे वक्त से बाहर निकाल पाना और जीवन को यथार्थ तरीके से समाज के अनुरूप जीना अपने आप में किसी चुनौती से कम नहीं था।
वर्तमान में शहीद रविंद्र के परिवार में केवल माता-पिता है और वे अपने भाई और उनके बच्चों के साथ रहते है। परिवार, गांव व क्षेत्र के सभी लोगों को सिपाही रविंद्र के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है।
इस मौके पर पिता सुंदर सिंह और माता कमला देवी व सगंठन के पदाधिकारियों ने स्मारक स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया उसके उपरांत राष्ट्रगान गाया। तदोपरांत उपस्थित सभी लोगों ने शहीद रविंद्र के स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस मौके पर उपस्थित लोगों ने भारत माता की जय व शहीद रविंद्र अमर रहे के नारे लगाए और भूतपूर्व सैनिक सगंठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र के पदाधिकारीयों ने उपस्थित सभी नौजवानों से राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर काम करने की अपील की तथा देश के लिए हमेशा मर मिटने के लिए तैयार रहने की अपील की।
साथ ही कहा की शहीद रविंद्र के माता पिता हम सभी देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत है जिन्होंने अपने इकलौते लाड़ले को सेना में भेज कर देश सेवा करने की प्रेरणा दी।
इस मौके पर शहीद रविंद्र के पिता सुंदर सिंह और माता कमला देवी, शहीद के चचेरे भाई केदार सिंह, स्थानीय पंचायत प्रधान बबीता देवी भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब व शिलाई क्षेत्र से उपाध्यक्ष स्वर्णजीत, कोषाध्यक्ष तरुण गुरुंग, सह-सचिव मोहन चौहान व गुरदीप सिंह, सह-कोषाध्यक्ष सुखविंदर सिंह, चमेल नेगी, पृथ्वी सिंह, दलविंदर सिंह व हरिंदर सिंह, स्थानीय ग्रामवासी व क्षेत्रवासी तथा अन्य गणमान्य सदस्य मौजूद रहे।