सरकारी डिपो: जनवरी से प्रदेश के इन चार जिलों में मिलेगा देसी चावल! ये खास कदम उठाने जा रहा खाद्य आपूर्ति विभाग
सरकारी डिपो: हिमाचल प्रदेश में नए साल की शुरुआत देसी चावल की आपूर्ति से हो रही है। इस पहल के तहत ऊना, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन जिले के उपभोक्ताओं को सहकारी सभाओं के माध्यम से चावल उपलब्ध कराया जाएगा।
यह कदम हिमाचल प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड और खाद्य आपूर्ति विभाग की साझा पहल है।
सरकारी डिपो: जनवरी से प्रदेश के इन चार जिलों में मिलेगा देसी चावल! ये खास कदम उठाने जा रहा खाद्य आपूर्ति विभाग
प्रदेश की धान मंडियों में इस वर्ष 5,441 किसानों ने अपना धान बेचा है, जिससे उन्हें प्रति क्विंटल 2,203 रुपये की दर से लाभ हुआ है।
इस बार, सरकार ने 22,000 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था, जिसे पार करते हुए 22,897 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई।
इस धान को अधिकृत मिलों में भेजा गया और वहां से 15,342 मीट्रिक टन चावल तैयार होकर खाद्य आपूर्ति विभाग के 26 गोदामों में पहुंचाया गया है।
अब, इन गोदामों से चावल सहकारी सभाओं में पहुंचाया जा रहा है, जहां से यह उपभोक्ताओं को अनुदानित दरों पर मिलेगा।
यह चावल पीडीएस कार्ड धारकों को 10 रुपये प्रति किलो और बीपीएल कार्ड धारकों को 6 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध होगा।
इसके अलावा, इस चावल में फोर्टिफाइड चावल भी मिलाया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को जरूरी पोषण मिल सके।
यह फोर्टिफिकेशन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि चावल में आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 सम्मिलित हों, जो सामान्य चावल में कम मात्रा में होते हैं।
इससे खाने में पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पोषण संबंधी कमी आम है।
इस पहल का उद्देश्य न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर हों। इससे हिमाचल प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार होने की आशा है।
यह योजना न केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है, बल्कि यह उपभोक्ताओं के लिए भी लाभकारी है, जिन्हें कम कीमत में पोषक तत्व से भरपूर चावल मिल रहा है। इस प्रकार, यह योजना हिमाचल प्रदेश के खाद्य तंत्र को मजबूत बनाने में मदद कर रही है।
संजीव कुमार वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, प्रदेश सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड, हमीरपुर के अनुसार, “इस योजना से जनवरी से जब उपभोक्ता देसी चावल का स्वाद लेंगे, तो उन्हें न केवल स्वादिष्ट बल्कि पोषण से भरपूर आहार मिलेगा।”