सावधान ! क्या आप भी कर्ज मुक्ति के लिए लोन सेटलमेंट का रास्ता अपना रहे है ? खराब हो जाएगा आपका क्रेडिट स्कोर
कोरोना महामारी के भयानक दौर ने व्यापार जगत को बड़ा धक्का पहुंचाया है। इस कारण देख में करोड़ों लोन अकाउंट एनपीए की कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में बैंक ऋणी को लोन सेटलमेंट का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
आज हम यहां इसी बारे में बात करने जा रहे हैं। लोन सेटलमेंट क्या होता है ? लोन सेटलमेंट कैसे करते हैं? कर्ज मुक्ति के लिए वन टाइम लोन सेटलमेंट कितना कारगर है ? लोन सेटलमेंट के विकल्प क्या हैं ?
लोन सेटलमेंट क्या है ?
दरअसल, जब वित्तीय संस्थान पाते हैं कि ऋणी लोन चुकाने में सक्षम साबित नही हो पा रहा है तो वह ऋणी को वन टाइम लोन सेटलमेंट का विकल्प उपलब्ध करवाता है। इसे हम इस तरह भी समझ सकते हैं कि लोन सेटलमेंट तब होता है जब कर्जदार आपात स्थिति या धन की कमी के कारण ॠण भुगतान करने में विफल रहता है। ऐसे में वह एकमुश्त भुगतान के जरिये अपने कर्ज को खत्म करने के लिए मोलभाव करता है।
लोन सेटलमेंट कितना कारगर ?
अगर आपको लगता है कि लोन सेटलमेंट यानी ऋण निपटान आपके क्रेडिट स्कोर के लिए एक सकारात्मक स्थिति है तो आप गलत हैं। यह आपके क्रेडिट स्कोर को भी प्रभावित कर सकता है।
वित्तीय विशेषज्ञों की माने तो किसी भी कर्जदार के लोन सेटलमेंट अच्छा विकल्प नहीं है। लोन सेटलमेंट आपके क्रेडिट स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। जिससे भविष्य में दूसरा लोन पाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए लोन सेटलमेंट से पहले अपने सभी विकल्पों पर विचार करना आवश्यक है।
आपके लिए ये जान लेना आवश्यक है कि कर्ज को जब असामान्य तरीके से चुकाया जाता है तो इस खाते के बंद होने सूचना क्रेडिट ब्यूरो को दी जाती है और आपके स्कोर पर निगेटिव असर पड़ता है।
स्मार्टकॉइन के सीईओ और सह-संस्थापक रोहित गर्ग बताते हैं कि लोन सेटलमेंट से आपको नुकसान हो सकता है।
लोन सेटलमेंट से पहले जान लें ये कैसे काम करता है ?
कर्ज की ईएमआई के भुगतान में चूक करने वाले सभी कर्जदारों को एकमुश्त निपटान विकल्प की पेशकश नहीं की जाती है। इस तरह के निर्णय लेने से पहले सभी कर्जदाता एजेंसियां एक निश्चित प्रक्रिया का पालन करती हैं।
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि कंपनियों को पता होना चाहिए कि वास्तव में कर्ज लेने वाला अब उसे चुकाने में असमर्थ है।
इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही कर्जदार को एकमुश्त निपटान विकल्प दिया जाता है।
ॠण देने वाली कंपनी एक ही भुगतान में ऋण का निपटान करने के लिए सहमत होती है, जो कि बकाया ऋण राशि से कम होता है और इस दौरान ब्याज और जुर्माने को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है। यह निपटान राशि कर्जदार की चुकाने की क्षमता और स्थिति की गंभीरता का आकलन करने के बाद तय की जाती है।
क्रेडिट स्कोर पर लोन सेटलमेंट का प्रभाव
यदि आप कर्जदाता कंपनी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं और लोन सेटलमेंट करने का निर्णय लेते हैं, तो कंपनी आपके खाते को बंद करके क्रेडिट ब्यूरो को सेटलमेंट की जानकारी देती है।
चूंकि, यह प्रक्रिया सामान्य तौर पर चुकाए जाने वाले कर्ज से पूरी तरह अलग होती है, लिहाजा इसका आपके क्रेडिट पर गलत असर पड़ता है और क्रेडिट ब्यूरो आपके स्कोर को घटा देते हैं।
लोन सेटलमेंट से बचने के लिए ये हो सकते हैं उपाय…
किसी भी कर्जधारक के लिए लोन सेटलमेंट कराना आखिरी विकल्प होना चाहिए। कम भुगतान राशि के कारण पहली बार में तो लोन सेटलमेंट आकर्षक विकल्प लगता है, लेकिन क्रेडिट स्कोर पर इसके नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए इससे बचना चाहिए। वरना आपको भविष्य में कर्ज या क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी आ सकती है।
अगर आप मौजूदा कर्ज को चुकाने में असमर्थ हैं तो किसी अन्य विकल्प के जरिये धन का जुगाड़ करें। संभव हो तो एक और कर्ज लेकर निपटारा करें और खुद के लिए थोड़ा समय दें।
लोन सेटलमेंट से बचने के लिए इन विकल्पों पर करें विचार…
–बकाया राशि को पूरा चुकाने के लिए कम ब्याज वाला पर्सनल लोन ले सकते हैं।
-अपनी बचत और निवेश का उपयोग कर कर्ज चुकाएं।
-परिवार और दोस्तों से पैसे उधार ले सकते हैं।
-ऋण देने वाली एजेंसी के साथ अपने कर्ज का पुनर्गठन करने, ब्याज दर को कम करने या पुनर्भुगतान अवधि बढ़ाने के लिए बातचीत करें।
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