सिरमौर समेत हिमाचल की 38 दवाओं समेत 103 सैंपल फेल, क्या आपने भी की हैं इस्तेमाल?
मार्च ड्रग अलर्ट में खुलासा, कंपनियों पर होगी कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश में बनीं 38 दवाओं सहित देशभर की 103 दवाएं गुणवत्ता में फेल हो गई हैं। मार्च 2025 के ड्रग अलर्ट से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सोलन की 24, सिरमौर की 13 और ऊना की एक कंपनी की दवाएं शामिल हैं।
इन दवाओं का बाजार से स्टॉक वापस मंगवाया जाएगा। कंपनियों को नोटिस जारी होंगे। हिमाचल में एसिडिटी, बीपी, अस्थमा, दिल के दौरे और शुगर जैसी दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। यह जानकारी लोगों में चिंता पैदा कर रही है।
सीडीएससीओ ने पकड़े 47 फेल सैंपल
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने देशभर से 47 सैंपल फेल पाए। इसमें हिमाचल के 21 शामिल हैं। बद्दी की मार्टिन एंड ब्राउन की एसिडिटी और अस्थमा की दवाएं फेल हुईं। सिरमौर की एसबीएस बायोटेक की मानसिक रोग की दवा भी लिस्ट में है।
पांवटा साहिब की थ्रीबी हेल्थकेयर का गले की खराश का सिरप और बद्दी की हेल्थ बायोटेक की हृदय दवा भी नाकाम रही। कालाअंब की पुष्कर फार्मा की दिल के दौरे की दवा फिनाईटोईन भी फेल हो गई।
स्टेट लैब ने खारिज किए 56 सैंपल
स्टेट लैबोरेट्रीज ने 56 दवाओं को मानकों पर फेल किया। इसमें बद्दी की केएफआई परेटियल की कैल्शियम दवा और ऊना की स्पेन फॉर्मूलेशन की अल्सर दवा शामिल है। पांवटा साहिब की गठिया दवा भी लिस्ट में है।
बद्दी की हीलर लैब की बुखार की दवा पैरासिटामोल और बरोटीवाला की फार्मासिट हेल्थ की सीने दर्द की दवा भी फेल हुई। सिरमौर की साइबोसिस की पोषक तत्व दवा मेकोबालसिन भी मानक पर खरी नहीं उतरी।
क्या कहते हैं ड्रग कंट्रोलर?
राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने कहा, “फेल सैंपल वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई होगी। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कदम उठाए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि नोटिस जारी कर दवाओं को बाजार से हटाया जाएगा।
लोगों से अपील की गई है कि वे दवाओं की गुणवत्ता जांच लें। यह मामला स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को दर्शाता है। प्रशासन अब इस पर नजर रखेगा।
आपकी सेहत का सवाल
ये दवाएं रोजमर्रा की बीमारियों के लिए इस्तेमाल होती हैं। अगर आपने इन्हें लिया है, तो सतर्क हो जाएं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से डॉक्टर से सलाह लेने को कहा है। गुणवत्ता में कमी चिंता का विषय है।