सुक्खू सरकार का नया फरमान: हिमाचल प्रदेश में सहकारी समितियों के नियमों में बड़ा बदलाव! देखें क्या बदलेगा यहां
सुक्खू सरकार का नया फरमान: हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में सहकारी समितियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव किया है।
सुक्खू सरकार का नया फरमान: हिमाचल प्रदेश में सहकारी समितियों के नियमों में बड़ा बदलाव! देखें क्या बदलेगा यहां
इसके अनुसार, अब सहकारी समितियों को 15,000 रुपये से अधिक वेतन वाले कर्मचारियों की भर्ती के लिए राज्य सरकार या रजिस्ट्रार से विशेष अनुमति लेनी होगी।
इस कदम का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और समर्थन सुनिश्चित करना है।
इसके अलावा, सरकार ने सहकारी समितियों के लिए ‘एजुकेशन फंड’ बनाने का नियम भी जोड़ा है।
इस फंड में समितियों को अपने नेट प्रॉफिट का 1% हर साल जमा करना होगा, और इसका उपयोग सदस्यों के प्रशिक्षण और विकास में किया जाएगा। यह कदम समितियों को अधिक समझदारी और कुशलता से काम करने में मदद करेगा।
ऑडिट प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब सहकारी समितियों को अपने ऑडिट के लिए उन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की फर्म को चुनना होगा, जिनके पास एक से ज्यादा सीए उपलब्ध हैं। इससे ऑडिटिंग की प्रक्रिया में और अधिक विश्वसनीयता और सटीकता आएगी।
यह बदलाव हिमाचल प्रदेश की कुल 5247 सहकारी समितियों पर लागू होंगे। सरकार का मानना है कि इससे समितियों में प्रशासनिक पारदर्शिता और वित्तीय जिम्मेदारी बढ़ेगी।
इस नई व्यवस्था के तहत, सहकारी समितियां अपनी कार्यप्रणाली में सुधार और नवाचार कर सकेंगी, जिससे उनकी सेवाएं और भी बेहतर होंगी।
सरकार का यह कदम सहकारी समितियों को अधिक संगठित और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे समितियों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और उन्हें अपने सदस्यों को अधिक प्रभावी सेवाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।
इसके साथ ही, इससे समितियों के सदस्यों को भी बेहतर प्रशिक्षण और शिक्षा की सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे अपने काम में और भी कुशलता से योगदान दे सकेंगे।
इन नए नियमों के लागू होने के बाद, सहकारी समितियों में व्याप्त चुनौतियों को दूर करने और उन्हें अधिक प्रगतिशील बनाने में मदद मिलेगी।
यह सहकारिता के क्षेत्र में एक नया युग का संकेत है, जो हिमाचल प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।