हिमाचल के सोलन में 60 करोड़ साल पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म की अद्भुत खोज…..
हिमाचल प्रदेश के सोलन मे पृथ्वी के प्राचीन इतिहास को उजागर करने वाली एक अनोखी खोज सोलन के जोलाजोरां गांव में हुई है। यहां 60 करोड़ साल पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म मिले हैं, जो जीवन की शुरुआत की कहानी बताते हैं।
टेथिस जीवाश्म संग्रहालय के संस्थापक डॉ. रितेश आर्य ने चंबाघाट के पास यह खोज की। इन जीवाश्मों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। डॉ. आर्य के मुताबिक, ये जीवाश्म प्राचीन टेथिस सागर के समुद्री तल का हिस्सा थे।

स्ट्रोमैटोलाइट्स सूक्ष्म जीवों की परतों से बने पत्थर हैं। इनके कारण ही पृथ्वी पर ऑक्सीजन बनी, जिससे जटिल जीवन संभव हुआ। यह खोज दर्शाती है कि सोलन कभी विशाल सागर का हिस्सा था।

डॉ. आर्य ने बताया कि ये जीवाश्म प्राचीन पर्यावरण की जानकारी देते हैं। उन्होंने पहले भी धर्मपुर, चित्रकूट और मोरनी हिल्स में ऐसी खोज की थी। चंबाघाट के जीवाश्मों की परतदार संरचना उन्हें और खास बनाती है।
ओएनजीसी के पूर्व महाप्रबंधक डॉ. जगमोहन सिंह ने इस खोज को वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरुण आहलूवालिया ने इन जीवाश्मों को संरक्षण योग्य माना। यह खोज जीवन की उत्पत्ति को समझने में मददगार है।
डॉ. आर्य अब इस स्थान को राज्य जीवाश्म धरोहर स्थल घोषित कराने के लिए प्रयास करेंगे। वह उपायुक्त और पर्यटन अधिकारी को पत्र लिखकर जियो टूरिज्म को बढ़ावा देने की मांग करेंगे।
यह खोज हिमाचल के लिए गर्व का विषय है। यह वैज्ञानिक समुदाय और पर्यटन के लिए नई संभावनाएं खोलेगी। सोलन का यह प्राचीन खजाना विश्व स्तर पर चर्चा का विषय बन सकता है।