हिमाचल प्रदेश में टेंडर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: अब विकास कार्यों में आएगी तेजी! देखें सुक्खू सरकार के इस बड़े फैसले से कैसे बदलेगा खेल
हिमाचल प्रदेश में टेंडर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों को और अधिक तेजी से पूरा करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
हिमाचल प्रदेश में टेंडर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: अब विकास कार्यों में आएगी तेजी! देखें सुक्खू सरकार के इस बड़े फैसले से कैसे बदलेगा खेल
अब, टेंडर प्रक्रिया को 51 दिनों के बजाय मात्र 20 दिनों में पूरा किया जाएगा। यह नवीन पहल सड़क, पुल, और भवनों के निर्माण सहित विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों को शीघ्रता से अंजाम देने में मदद करेगी।
इस नए नियम के अनुसार, ठेकेदारों को कार्य आवंटन के 30 दिन के भीतर कार्य आरंभ करना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा, ऑनलाइन निविदाओं की प्रक्रिया को भी दस दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया है, जिससे टेंडर प्रक्रिया और भी त्वरित होगी।
इस कदम का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों में गति लाना है। यदि टेंडर प्रक्रिया में देरी होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ, अजय गुप्ता के अनुसार, इस नई प्रक्रिया से विकास कार्यों में देरी नहीं होगी और तेजी से प्रगति सुनिश्चित की जाएगी।
इस प्रक्रिया में दो करोड़ रुपये से अधिक के मामलों में, निविदा प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को और भी कड़ाई से नियंत्रित किया जाएगा।
इन मामलों में, निविदाएं प्राप्त करने के लिए दस दिन, अधिशासी अभियंता के स्तर पर समीक्षा और अनुमोदन के लिए सात दिन, और अधीक्षण अभियंता के स्तर पर अंतिम मंजूरी के लिए दस दिन निर्धारित किए गए हैं।
यह सुनिश्चित करेगा कि बड़े पैमाने के परियोजनाओं के लिए भी प्रभावी और पारदर्शी तरीके से टेंडर प्रक्रिया संचालित की जा सके, जिससे विकास कार्यों में गुणवत्ता और दक्षता बढ़े।