हिमाचल बनेगा सौर ऊर्जा में आत्मनिर्भर, 2026 तक देश का पहला ग्रीन स्टेट
हिमाचल प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक राज्य को देश का पहला ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाना है। सौर परियोजनाओं से रोजगार और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
हिमाचल ने 72 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। ऊना और सोलन में सात प्रमुख सौर संयंत्र शुरू हो चुके हैं। इनमें गोंडपुर बुल्ला (12 मेगावाट) और सनेड नालागढ़ (13 मेगावाट) शामिल हैं।
राज्य सरकार 325 मेगावाट की आठ नई परियोजनाओं पर काम शुरू कर रही है। हर पंचायत में 500 किलोवाट की सौर परियोजना स्थापित होगी। इससे पंचायतें ग्रीन पंचायत के रूप में विकसित होंगी।
युवाओं को प्रोत्साहन के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है। 250 किलोवाट से 2 मेगावाट की परियोजनाओं पर 40% और 1 मेगावाट पर 5% सब्सिडी मिल रही है। इससे स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
2025-26 के बजट में 905 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पारित हुआ है। यह राशि नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और बुनियादी ढांचे के लिए है। 12 जिलों में दो-दो पंचायतें ग्रीन पंचायत बनेंगी।
सौर परियोजनाओं से अतिरिक्त बिजली राज्य ग्रिड में जाएगी। इसे उद्योगों या अन्य राज्यों को बेचकर पंचायतें आय अर्जित करेंगी। इससे हिमाचल का राजस्व बढ़ेगा।
हरित हिमाचल की दिशा में यह कदम पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देगा। हिमाचल स्वच्छ भारत अभियान में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।
हिमाचल की यह पहल न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और पर्यावरण संरक्षण का भी सुनहरा अवसर है।