हिमाचल में किसानों को बड़ा झटका: खरीफ फसलों के बीजों की कीमत में वृद्धि, पढ़ें क्या है पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा झटका दिया है। कृषि विभाग ने खरीफ फसलों के बीजों की कीमतें 15 रुपये तक बढ़ा दी हैं। साथ ही, सब्सिडी पर मिलने वाले बीजों की मात्रा को भी कम कर दिया गया है। इससे किसानों को सीमित मात्रा में ही सब्सिडी पर बीज मिलेंगे।
वर्ष 2023-24 के खरीफ फसल के दौरान, किसानों को दिए जाने वाले बीज के दाम और मात्रा तय की गई है। सरकार ने अब सब्सिडी पर मिलने वाले बीज की मात्रा सीमित कर दी है। तय मात्रा से ज्यादा खरीदने पर किसानों को बाजार के अनुसार भुगतान करना होगा।
बीज की मात्रा कम होने के कारण, किसानों को अब बाजरा, बरसीम, मक्की, धान, चरी, मक्के के घास का बीज, गेहूं और जौई की निश्चित मात्रा ही मिलेगी। इससे अधिक की खरीद पर किसान को सब्सिडी नहीं मिलेगी और बाजार के अनुसार कीमत वसूली जाएगी।
किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में कटौती के बावजूद, कृषि विभाग ने बीजों की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। इससे किसानों को अपने खरीफ फसलों की बुआई के लिए अधिक खर्च करना पड़ेगा।
खेत जोतने, फसल कटाई और थ्रेसिंग के दाम पहले ही कई गुना बढ़ चुके हैं, और अब बीजों की कीमत बढ़ने और सब्सिडी में कटौती के कारण किसानों की परेशानी बढ़ सकती है।
किसानों का कहना है कि वे अपनी ज़मीन पर कम बीज और सब्सिडी के साथ फसल उगाने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं। वे इस नई नीति के कारण अपनी ज़मीन पर उगाने वाली फसल की मात्रा को कम करने के लिए मजबूर होंगे।
कृषि विभाग के निदेशक डॉ. राजेश कौशिक ने बताया कि सरकार ने इस वर्ष के बजट में जितना पैसा कृषि के लिए रखा है, उसी हिसाब से इसे खर्च किया जा रहा है। इसके अलावा, बीजों की कालाबाजारी रोकने के लिए भी यह कदम उठाया गया है।