हिमाचल में छोटी प्लास्टिक बोतलें बैन, कार में कूड़ेदान नहीं तो 10 हजार जुर्माना…
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। छोटी प्लास्टिक बोतलों पर प्रतिबंध और वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है।
प्रदेश सरकार ने 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक पानी की बोतलों के उपयोग पर रोक लगा दी है। यह नियम सरकारी बैठकों, सम्मेलनों और पर्यटन निगम के होटलों में लागू होगा। निजी होटल भी इससे अछूते नहीं रहेंगे।
पर्यावरण विभाग के निदेशक डीसी राणा ने बताया कि प्लास्टिक बोतलों से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। अब कांच की बोतलें और स्टील के कंटेनर जैसे विकल्प इस्तेमाल होंगे।
यह प्रतिबंध 1 जून, 2025 से लागू होगा। इससे पहले संस्थाएं पुराना स्टॉक खत्म कर सकेंगी। जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे ताकि लोग प्लास्टिक का उपयोग कम करें।
सरकार ने एकल-उपयोग प्लास्टिक और बायोडिग्रेडेबल थालियों को सड़कों, जंगलों या सार्वजनिक स्थानों पर फेंकने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। उल्लंघन पर अधिकारियों को कार्रवाई का अधिकार दिया गया है।
वाहनों में कूड़ेदान लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। टैक्सी, सरकारी और निजी बसों में ‘कार बिन’ नहीं होने पर 10,000 रुपये का जुर्माना होगा। जैव कचरा फेंकने पर 1,500 रुपये दंड देना होगा।
29 अप्रैल, 2025 से यह नियम लागू होंगे। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी और मोटर वाहन निरीक्षक वाहनों की जांच करेंगे। केवल कूड़ेदान वाले वाहनों को ही पंजीकरण या पास मिलेगा।
डीसी राणा ने कहा कि ये कदम प्रदूषण कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी हैं। सरकार अन्य जीव-अनाशित कचरे पर भी रोक लगा रही है।
हिमाचल का यह प्रयास पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाला है। लोग अब पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने को प्रेरित होंगे।