हिमाचल में दुग्ध क्रांति: घुमराला केंद्र ने 3 लाख लीटर दूध बिक्री बनाया रिकॉर्ड, पशुपालकों की जिंदगी बदली
गोहर, 31 मार्च 2025: हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। सरकार के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने वाले कदम रंग ला रहे हैं। घुमराला महिला दुग्ध केंद्र ने इस साल कमाल कर दिखाया।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस केंद्र ने 3 लाख लीटर से ज्यादा दूध बेचा। इसकी कीमत करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये रही। पशुपालक खुश हैं। दूध के दाम में हुई बंपर बढ़ोतरी से उनकी कमाई बढ़ी है।
प्रदेश सरकार ने दूध के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक इजाफा किया। गाय का दूध अब 51 रुपये और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। पशुपालकों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को धन्यवाद कहा।
घुमराला महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी सभा की शुरुआत 2003 में हुई थी। पहले दिन सिर्फ 7 लीटर दूध जमा हुआ। आज यह केंद्र रोज 1750 लीटर दूध इकट्ठा करता है। सचिव सुशील कुमार गर्व से बताते हैं।
केंद्र ने 824 पशुपालकों को जोड़ा। पिछले साल कुल बिक्री 3 करोड़ रुपये पार कर गई। कठिन इलाकों से लोग 7-8 किमी दूर से दूध लाते हैं। मेहनत रंग लाई।
सरकार ने दूध के दाम बढ़ाए। पहले 1-2 रुपये की बढ़ोतरी होती थी। अब 13 रुपये और फिर 6 रुपये का इजाफा हुआ। पशुपालक कल्याण सिंह और दुर्गी देवी ने इसे सराहा।
केंद्र अब पनीर, घी, दही और कुल्फी भी बना रहा है। इससे आय बढ़ रही है। सुशील बताते हैं कि ये कदम केंद्र को और मजबूत करेंगे।
सहकारी सभा सदस्यों में लाभ बांटती है। 40 हजार रुपये आपात मदद के लिए रखे जाते हैं। जरूरतमंद पशुपालकों को सहारा मिलता है। यह पहल अनोखी है।
महिला सदस्य हेमलता कहती हैं, “मेरे दूध में फैट ज्यादा है। मुझे 58-60 रुपये प्रति लीटर मिलते हैं।” उनकी खुशी चेहरे पर झलकती है।
हिमाचल सरकार का यह प्रयास ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना रहा है। घुमराला केंद्र इसकी मिसाल है। पशुपालन अब सिर्फ रोजगार नहीं, सम्मान भी बन गया है।