हिमाचल में बड़ा खुलासा: सीबीआई ने किया भांडाफोड! कैसे फर्जी मार्कशीट से पाई सरकारी नौकरी! देखें रिपोर्ट
हिमाचल में बड़ा खुलासा: हिमाचल प्रदेश में एक चौंकाने वाले मामले में, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक ग्रामीण डाक सेवक पर कार्रवाई की है, जिसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी हासिल की थी।
हिमाचल में बड़ा खुलासा: सीबीआई ने किया भांडाफोड! कैसे फर्जी मार्कशीट से पाई सरकारी नौकरी! देखें रिपोर्ट
यह मामला हिमाचल के शिमला जिले से सामने आया है, जहां एक ग्रामीण डाक सेवक ने धोखाधड़ी, साजिश रचने और फर्जी दस्तावेज बनाने का अपराध किया।
आरोपी, सन्नी, जो हरियाणा के रोहतक जिले के रिटौली का रहने वाला है, ने 10वीं कक्षा की एक फर्जी मार्कशीट पेश करके डाक विभाग में नौकरी पाई थी। यह मार्कशीट माध्यमिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के नाम से बनाई गई थी, जिसे जांच में फर्जी पाया गया।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब डाक विभाग ने सन्नी के दस्तावेजों की जांच के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजा।
बोर्ड ने पुष्टि की कि सन्नी की 10वीं कक्षा की मार्कशीट अनुदानित नहीं है, यानी यह वैध नहीं थी।
सन्नी को इस धोखाधड़ी के आधार पर डाक विभाग में सहायक शाखा पोस्ट मास्टर (एबीपीएम) के पद पर तैनाती मिली थी। उसने इस नौकरी के दौरान विभाग से 1,34,664 रुपये का वेतन प्राप्त किया था।
जांच के बाद, डाक विभाग ने सन्नी को निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ सीबीआई को शिकायत भेजी।
सीबीआई ने इस मामले में आगे की जांच शुरू की और सन्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया।
यह मामला सिर्फ सन्नी तक सीमित नहीं है। सीबीआई पहले ही बिलासपुर और चंबा जिलों में कार्यरत अन्य तीन ग्रामीण डाक सेवकों के खिलाफ भी केस दर्ज कर चुकी है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी नौकरियों में फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी का एक बड़ा जाल मौजूद है, जिस पर सीबीआई कड़ी नजर रख रही है।
इस मामले की गहन जांच से न केवल सन्नी, बल्कि इस तरह के अन्य फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों और संबंधित अधिकारियों की भूमिका का भी पता चलेगा।
यह मामला सरकारी नौकरी प्रक्रिया में सुधार की मांग करता है ताकि ऐसे अनैतिक और गैरकानूनी कृत्यों को रोका जा सके।