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हिमाचल में 5वीं-8वीं में ई ग्रेड वालों को रोकने का फैसला, दो माह बाद होगी परीक्षा

हिमाचल में 5वीं-8वीं में ई ग्रेड वालों को रोकने का फैसला, दो माह बाद होगी परीक्षा

हिमाचल में 5वीं-8वीं में ई ग्रेड वालों को रोकने का फैसला, दो माह बाद होगी परीक्षा

हिमाचल में 5वीं-8वीं में ई ग्रेड वालों को रोकने का फैसला, दो माह बाद होगी परीक्षा

शिक्षा निदेशालय ने मांगी रिपोर्ट, विशेष कक्षाओं से होगी तैयारी

हिमाचल प्रदेश में 16 साल बाद स्कूली बच्चों के लिए बड़ा बदलाव आया है। 5वीं और 8वीं कक्षा में ई ग्रेड लाने वाले छात्रों को अगली कक्षा में नहीं भेजा जाएगा। शिक्षा निदेशालय ने इसकी रिपोर्ट मांगी है।

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शनिवार को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के नॉन बोर्ड परिणाम घोषित हुए। डिटेंशन पॉलिसी के तहत ई ग्रेड वाले बच्चे रुक गए। ये नीति 2009 में शुरू हुई थी, जो अब सख्ती से लागू हुई है।

अंग्रेजी, गणित और विज्ञान में कमजोर प्रदर्शन करने वालों पर फोकस है। ऐसे छात्रों के लिए दो महीने बाद फिर परीक्षा होगी। स्कूलों में विशेष कक्षाएं लगेंगी ताकि वे बेहतर कर सकें।

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पहले राइट टू एजुकेशन एक्ट-2009 के तहत 8वीं तक फेल नहीं किया जाता था। कमजोर बच्चे भी अगली कक्षा में चले जाते थे। इससे 9वीं में फेल होने की संख्या बढ़ रही थी।

इस नीति से उच्च शिक्षा में पिछड़ने की समस्या को दूर करने की कोशिश है। 2024 में पॉलिसी बदली गई। अब ई ग्रेड वालों को दोबारा मौका मिलेगा।

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प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से ई ग्रेड की सूची मांगी। 5 अप्रैल को बैठक में जिला उपनिदेशकों को इसे लाने को कहा गया। ब्लॉक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है।

दो महीने बाद होने वाली परीक्षा में पास न होने पर बच्चे अगली कक्षा में नहीं जाएंगे। ग्रेड सिस्टम में 80-100 अंक पर ए, 35-49 पर डी और 34 से कम पर ई ग्रेड मिलता है।

इसके अलावा, कम छात्रों वाले स्कूल-कॉलेज भी मर्ज होंगे। 78 स्कूल और 16 कॉलेज बंद करने का प्रस्ताव है। 11 अप्रैल को कैबिनेट में फैसला होगा।

49 उच्च और 29 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में 20-25 बच्चे हैं। 100 से कम छात्रों वाले 16 डिग्री कॉलेज भी बंद हो सकते हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इसकी तैयारी के निर्देश दिए।

उपनिदेशक अजय संबयाल ने बताया कि नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म हुई है। ई ग्रेड वालों के लिए विशेष परीक्षा होगी। इससे शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

यह कदम बच्चों के भविष्य को मजबूत करने की दिशा में है। अभिभावकों और शिक्षकों में भी इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है।

Written by Newsghat Desk

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