हिमाचल समेत चार राज्यों में 400 करोड़ का आयुष्मान-हिमकेयर घोटाला, मास्टरमाइंड जाटव गिरफ्तार….
हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा में आयुष्मान और हिमकेयर योजनाओं के नाम पर 400 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। पीजीआई चंडीगढ़ में मरीजों के नाम पर फर्जीवाड़ा कर ब्रदर्स केमिस्ट शॉप से यह खेल चल रहा था।
क्राइम ब्रांच ने मुख्य साजिशकर्ता दुर्लभ कुमार जाटव को गिरफ्तार किया। शुक्रवार को अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जांच एजेंसियां मामले को गंभीरता से ले रही हैं। फरवरी में पीजीआई की अमृत फार्मेसी में एक संदिग्ध युवक पकड़ा गया।
युवक के पास से आयुष्मान कार्ड, डॉक्टरों की फर्जी मुहरें और इंडेंट मिले। पुलिस ने कांगड़ा निवासी रमन के खिलाफ मामला दर्ज किया। जांच में पता चला कि जाटव इस घोटाले का मास्टरमाइंड है। उसने अजय कुमार के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी शुरू की।
जाटव मरीजों का डाटा निकालकर फर्जी कार्ड बनवाता था। इसके बाद महंगी दवाइयां लिखकर डॉक्टरों की फर्जी मुहरें लगाता। रमन इन पर्चियों को अमृत फार्मेसी ले जाता और मुफ्त दवाइयां लाकर जाटव को देता। जाटव इन्हें सस्ते दामों पर बेचता।
इस गिरोह में कमाई का हिस्सा सभी सदस्यों के बीच बंटता था। अब तक सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक पूर्व डीजीपी पर भी एक व्यक्ति का नाम हटाने का दबाव बनाया गया। जांच अभी जारी है।
उधर, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमकेयर और अन्य योजनाओं के लंबित बिलों का 30 अप्रैल तक भुगतान करने के निर्देश दिए। शिमला, पीजीआई चंडीगढ़ और टांडा मेडिकल कॉलेज के बिलों का भुगतान जल्द होगा।
सीएम ने वित्त विभाग को सहारा योजना की किस्तें भी जारी करने को कहा। ठेकेदारों के 500 करोड़ रुपये से अधिक के बिल लंबित हैं। सरकार की कोशिशों से प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधर रही है।
यह घोटाला स्वास्थ्य योजनाओं पर भरोसा तोड़ने वाला है। जांच एजेंसियों से लोगों को सख्त कार्रवाई की उम्मीद है।