हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला: अब किया ये काम तो होगा 5 लाख तक जुर्माना और आय बढ़ाने लिया ये निर्णय
हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला: हिमाचल सरकार ने पंजाब-हरियाणा से रेत और बजरी लाने वाली गाड़ियों पर टैक्स लगाने का निर्णय लिया है।
इससे जनता की जेब पर बोझ बढ़ेगा, लेकिन सरकार की राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। उद्योग विभाग के खनन विंग ने सैस वसूली की तैयारी शुरू कर दी है।
कितना टैक्स वसूलेगी सरकार
हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब और हरियाणा से रेत-बजरी पर 6-10 रुपए क्यूबिक फिट के हिसाब से टैक्स वसूल करेगी। गाड़ियाँ जो हिमाचल से सीमेंट, सब्जी, अनाज या अन्य सामान लेकर बाहरी राज्यों में जाती हैं, वापसी पर मैदानी क्षेत्रों से ईंट, रेत और बजरी लाती हैं।
इस व्यापार पर अब टैक्स लगेगा, जो अब तक लागू नहीं होता था। प्रदेश में यह व्यवसाय अभी तक संगठित रूप में नहीं हो पाया था, और गाड़ी वाले बाहरी राज्यों से भवन निर्माण सामग्री लाकर बिना किसी लेखा-जोखा के बेच देते थे। इसके चलते सरकार को इस व्यवसाय से कोई राजस्व नहीं मिल पा रहा था।
ऐसे रुकेगी रॉयल्टी की चोरी
रॉयल्टी की चोरी रोकने के लिए और फॉर्म डब्ल्यू. एक्स के सरलीकरण के लिए इसे एम-परिवहन पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इससे लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों के साथ अवैध खनन की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी।
ऐसा किया तो सरकार वसूलेगी 5 लाख तक जुर्माना
अवैध खनन में संलिप्त लोगों के पकड़े जाने पर वसूला जाएगा पांच लाख तक का जुर्माना। विभाग ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अवैध खनिजों की निकासी के लिए उपयोग में लाई जा रही निजी भूमि की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
राजस्व विभाग द्वारा इन भूमियों का सीमांकन पूर्ण होते ही, अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। दोषियों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस प्रकार, नई टैक्स नीति के लागू होने से सरकार को राजस्व में वृद्धि होगी, और अवैध खनन और रॉयल्टी की चोरी पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। हालांकि, इसका प्रभाव आम लोगों की जेब पर भी पड़ेगा, जिन्हें अब भवन निर्माण सामग्री पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा।