हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला: वित्तीय संकट से निपटने के लिए लेंगे 1200 करोड़ का नया कर्ज! कितना कर्ज और ले सकेंगे देखें पूरी रिर्पोट
हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला: हिमाचल प्रदेश की सरकार इस साल के आखिरी महीने में 1200 करोड़ रुपए का नया कर्ज लेने की योजना बना रही है। यह कर्ज दो हिस्सों में विभाजित है: 700 करोड़ रुपए 15 साल के लिए और 500 करोड़ रुपए 10 साल के लिए होगा।
इस वर्ष के लिए भारत सरकार से 6600 करोड़ रुपए तक कर्ज लेने की अनुमति मिली थी, जिसमें से पहले ही 4100 करोड़ रुपए लिया जा चुका है और 2500 करोड़ रुपए की सीमा बाकी थी।
अब, इसमें से 1200 करोड़ रुपए और लिया जा रहा है, जिससे केवल 1300 करोड़ रुपए ही शेष बचते हैं।
हिमाचल सरकार के लिए यह समय वित्तीय चुनौतियों से भरा हुआ है। अक्सर, इस समय सरकारी ट्रेजरी ओवरड्राफ्ट में जाती है।
इस साल जनवरी से अब तक, सरकार ने पहले ही 11000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज ले लिया है, और इस वित्तीय वर्ष में 5300 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। इससे राज्य के कुल कर्ज की राशि लगभग 75000 करोड़ रुपए तक पहुँचने की संभावना है।
यह स्थिति मुख्य रूप से वेतन और पेंशन के सामान्य खर्चों को चलाने के लिए है। इसके अलावा, कर्मचारियों और पेंशनधारियों के पे कमीशन एरियर और महंगाई भत्ते का भुगतान भी बाकी है।
इस स्थिति का मुख्य कारण सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को उनके पे कमीशन एरियर और महंगाई भत्ते का भुगतान न हो पाना है। इससे राज्य सरकार के वित्तीय संकट की गंभीरता और भी बढ़ जाती है।
इस परिस्थिति में, यह स्पष्ट है कि सरकार के लिए अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करना काफी कठिन हो रहा है। इसलिए, नया कर्ज लेना उनके लिए एक अनिवार्य कदम बन गया है।
यह स्थिति न केवल सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिरता के लिए भी एक बड़ा प्रश्न उठाती है। इसके अलावा, यह आम नागरिकों पर भी प्रभाव डालता है, जिन्हें सरकारी सेवाओं और योजनाओं से लाभ मिलने की उम्मीद होती है। इसलिए, इस समय सरकार के सामने वित्तीय प्रबंधन और संसाधनों के सही उपयोग की बड़ी जिम्मेदारी है।
हिमाचल सरकार के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह अपनी वित्तीय नीतियों में सुधार करे और भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए प्रभावी कदम उठाए। इसमें सार्वजनिक खर्च में कटौती, राजस्व संग्रहण में वृद्धि, और आर्थिक विकास के नए अवसरों की तलाश शामिल हो सकती है।