12वीं के बाद क्या? डिग्री V/S डिप्लोमा: तुलना, फायदे और सही विकल्प
किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का बहुत ज्यादा महत्व होता है। शिक्षा हमारे करियर के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और जब बात आती है उच्च शिक्षा की तो आम तौर पर दो विकल्प सामने आते हैं जिनमें से एक है डिग्री और दूसरा है डिप्लोमा। डिग्री और डिप्लोमा दोनों के पश्चात ही कोई भी व्यक्ति आगे के करियर के बारे में निर्णय ले पता है और विभिन्न कंपनियों में रोजगार के अवसर तलाश कर पता है। हालांकि दोनों के अपने-अपने फायदे और अपनी-अपनी विशेषताएं हैं। आज के इस लेख में हम आपको इन्हीं की तुलनात्मक समीक्षा का विवरण उपलब्ध कराने वाले हैं।
12 th के बाद क्या चुनें? डिग्री या डिप्लोमा क्या है बेहतर?
जैसा कि हम सब जानते हैं किसी भी व्यक्ति के लिए एक बेहतर करियर बहुत जरूरी होता है। ऐसे में अपना करियर बनाने के लिए छात्र विभिन्न प्रकार की डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करते हैं। डिग्री और डिप्लोमा में से किसी एक का चयन करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। कुछ लोग डिग्री कोर्स के साथ-साथ डिप्लोमा कोर्सेज भी पूरा करते हैं और लगातार अपने ज्ञान में बढ़ोतरी करते हैं ।परंतु कुछ लोग किसी एक विशेष कोर्स का चयन कर उसी में डिग्री या डिप्लोमा हासिल करते हैं और इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाते हैं।
चलिए सबसे पहले जानते हैं डिग्री या डिप्लोमा क्या होते हैं
डिग्री
डिग्री कोर्सेज आमतौर पर गहरी शिक्षा प्रदान करने वाले कोर्स होते हैं। यह कोर्स विषय सम्बंधित गहराई और विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। आमतौर पर ग्रेजुएट कोर्स ,पोस्ट ग्रेजुएट जैसे कोर्स डिग्री स्तर पर कंप्लीट कराए जाते हैं। डिग्री स्तर दो चरणों में पूरा होता है
बैचलर डिग्री: बीए, बीएससी, बीकॉम, बीटेक ,बीई
मास्टर डिग्री : एमए, एमएससी ,एमकॉम, एमबीबए ,एमटेक इत्यादि
डिप्लोमा
डिप्लोमा एक कम समय का कोर्स होता है। आमतौर पर यह कोर्स 6 महीने के होते हैं जिसमें मुख्य रूप से तकनीकी और व्यावसायिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। भारत में विभिन्न कॉलेज पॉलिटेक्निक संगठन डिप्लोमा कोर्सेज में अध्ययन प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए इंजीनियरिंग डिप्लोमा, डिप्लोमा इन सिविल /मैकेनिकल /इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ,व्यवसाय डिप्लोमा ,डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग इत्यादि।
डिग्री और डिप्लोमा में क्या अंतर होता है
डिग्री और डिप्लोमा में निम्नलिखित तुलनात्मक अंतर होते हैं
डिग्री कोर्सेज मुख्यतः तीन से पांच साल के होते हैं । वहीं डिप्लोमा 6 महीने से 3 साल की अवधि का हो सकता है।
डिग्री में विस्तृत और सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। वहीं डिप्लोमा में पर्टिकुलर एक विषय पर व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान दिया जाता है ।
डिग्री मुख्य रूप से विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जाती है वहीं डिप्लोमा विभिन्न शैक्षणिक संस्थान या वोकेशनल संस्थान द्वारा प्रदान की जाती है।
डिग्री में शोध और अनुसंधान विषय पर कोर्स करवाए जाते हैं। वहीं डिप्लोमा में रोजगार और व्यावसायिक कौशल संबंधित कोर्स करवाए जाते हैं।
आमतौर पर डिग्री कोर्सेज काफी महंगे होते हैं। वहीं डिप्लोमा कोर्सेज काफी सस्ते होते हैं।
छात्रों को कौन सा विकल्प चुनना चाहिए
डिग्री या डिप्लोमा किसी भी छात्र को डिग्री या डिप्लोमा में से बेहतर विकल्प तलाश ने से पहले यह ध्यान देना चाहिए की छात्र दीर्घकालीन समय देना चाहता है या कम समय में ही नौकरी संबंधित कोर्स पूरा करना चाहता है । यदि छात्र उच्च स्तरीय कैरियर बनाना चाहता है तो डिग्री लेना बेहतर ऑप्शन होगा। वहीं कम समय में तकनीकी क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहता है तो डिप्लोमा उपयोगी सिद्ध होता है । इसके साथ ही ऐसे छात्र जो आर्थिक रूप से सक्षम है और लंबी चौड़ी फीस भर सकते हैं वह डिग्री कोर्सेज में दाखिला ले सकते हैं । परंतु आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को डिप्लोमा कोर्स चुनना फायदेमंद हो सकता है । इसके साथ ही ऐसे छात्र जिन्हें भविष्य में सरकारी नौकरी या पीएचडी करनी है तो डिग्री कोर्सेज करना अनिवार्य हो जाता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज के अपने फायदे और अपनी विशेषताएं हैं। किसी भी छात्रों को डिग्री या डिप्लोमा में से किसी एक का चयन करने से पहले अपनी जरूरत और मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर चयन करना चाहिए।