30 मई से लागू होंगे UPI के नए नियम: जानें लेनदेन की नई सीमाएं और आपके बैंकिंग व्यवहार पर असर…..
भारत में दिन-ब-दिन डिजिटल भुगतान प्रणाली का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। करोड़ों लोग अब आसान लेनदेन और कैशलेस ट्रांजेक्शन को महत्वता दे रहे हैं जिसके चलते अब हमारी भुगतान प्रणाली की सरल हो चुकी है परंतु जैसे-जैसे UPI का उपयोग बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे इससे जुड़ी धोखाधड़ी की घटनाएं भी सामने आ रही है। वहीं UPI के माध्यम से ट्रांजैक्शन करने के दौरान अवैध ट्रांजैक्शन की घटनाएं भी बढ़ती जा रही है और इन्हीं घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार ने UPI नियमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
बता दे RBI द्वारा जारी किए गए यह नए नियम 30 मई 2025 से सभी निजी और सरकारी बैंक में लागू माने जाएंगे। UPI की लेनदेन सीमाओं का यह संशोधन अब धोखाधड़ी को कम करने में मदद करेगा और कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। आज के इस लेख में हम इसी का संपूर्ण विवरण आपको बताएंगे जहां हम UPI लेनदेन की नई सीमाओं और उनके महत्व का विस्तारित विवरण देंगे।
30 मई 2025 से UPI दर की नई सीमाएं क्या होने वाली है?
30 मई 2025 से UPI लेनदेन की नई सीमाओं में कुछ बदलाव किए गए हैं जो इस प्रकार से होंगे
उपयोगकर्ता श्रेणी
वर्तमान सीमा
नई सीमा
प्रति दिन लेन देन की अधिकतम सीमा
सामान्य उपयोगकर्ता
1,00,000
75000
25,000
सत्यापित व्यापारी
2,00,000
1,50,000
50,000
व्यवसायिक खाते
5,00,000
3,00,000
1,00,000
Upi लाइट
2000
1000
500
सरकारी लेन देन
2,00,000
1,50,000
25,000
उपरोक्त सूची से इतना स्पष्ट होता है कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने सामान्य उपयोगकर्ताओं, सत्यापित व्यापारी, व्यावसायिक खाते यहां तक की UPI लाइट को इस्तेमाल करने वाले कंज्यूमर की दैनिक सीमा में कटौती कर दी है। अर्थात अब UPI इस्तेमाल करने वाले खाताधारक UPI लेनदेन की दैनिक और प्रतिदिन लेनदेन सीमा के अंतर्गत कम मूल्य वाली ट्रांजैक्शन कर पाएंगे ताकि उच्च मूल्य लेनदेन को नियंत्रित किया जा सके और धोखाधड़ी की संभावना को काम किया जा सके।
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा जारी किए गए इन नए नियमों का ग्राहकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा UPI ट्रांजैक्शन के इन नए नियमों की वजह से उपयोगकर्ता की लेनदेन की आदतों में बदलाव होगा। मतलब अब एक ही दिन में बड़े भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं को अपनी लेनदेन की योजनाओं का निर्धारण पहले से ही करना होगा।
उसके साथ ही सामान्य UPI उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं और UPI लाइट का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को भी अब दैनिक सीमा के नए नियमों का पालन करना होगा जिसके चलते उन्हें UPI के साथ-साथ अन्य लेनदेन के विकल्पों को भी अपनाना होगा।
इस महत्वपूर्ण निर्णय की वजह से छोटे और मध्यम व्यापारी जो UPI से ही बड़ी रकम की ट्रांजैक्शन करते हैं उन्हें असुविधा जरूर होगी परंतु इसकी चलते वे अन्य बैंकिंग विकल्पों को विस्तार दे सकते हैं।
WUPI के अंतर्गत नए नियमों को लागू करने से कम सीमा और अधिक सत्यापन की ट्रांजैक्शन की जाएंगी जिससे धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और इसका सीधा फायदा UPI खाताधारकों को ही मिलेगा।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा 30 मई 2025 से UPI ट्रांजैक्शन को लेकर नए नियम लागू किए जाने वाले हैं जिनके अंतर्गत सभी UPI लेनदेन की सीमाओं को कम कर दिया गया है। पाठकों के लिए जरूरी है कि वह इन परिवर्तनों के प्रति सतर्क रहें और इन नए परिवर्तनों के अनुसार ही अपने बैंकिंग व्यवहार को समायोजित करें।