

Lenskart IPO 2025: 31 अक्टूबर से खुलेगा Lenskart का IPO! जानिए निवेश करना फायदेमंद या घाटे का सौदा
Lenskart IPO 2025: भारत के विजन केयर बिज़नेस में Lenskart का नाम अग्रणी रूप से लिया जाता है। लेंसकार्ट स्टाइल और स्मार्टनेस दोनों का ही प्रतीक मानी जाती है। घर बैठे आंखों की जांच से लेकर आधुनिक फ्रेम और प्रीमियम सनग्लासेस की कॉन्सेप्ट ने लेंसकार्ट को चश्मों की दुनिया में डिजिटल और फैशनेबल बना दिया है।

Lenskart IPO 2025: 31 अक्टूबर से खुलेगा Lenskart का IPO! जानिए निवेश करना फायदेमंद या घाटे का सौदा
बता दे 31 अक्टूबर 2025 को यह कंपनी शेयर बाजार में कदम रखने जा रही है और यह शेयर निवेशकों के लिए एक नया मौका होने वाला है। 8 बिलियन डॉलर मतलब 70,000 करोड़ वैल्यूएशन वाली यह IPO निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है और अब लोग यह जानना चाहते हैं कि इसमें निवेश करना फायदेमंद होगा या पैसा धुंध में खो जाएगा?
चलिए सबसे पहले जानते हैं Lenskart IPO के मुख्य पहलू

● Lenskart IPO 31 अक्टूबर 2025 से खुलेगा और यह 4 नवंबर 2025 को बंद हो जाएगा।
● लेंसकार्ट ने शेयर का प्राइस बैंड 282 से 402 रुपए प्रति शेयर रखा है।
● कंपनी का उद्देश्य 2150 करोड़ का नया फंड जुटाना है।
● इस IPO की शेयर एलॉटमेंट 6 नवंबर 2025 और शेयर लिस्टिंग 10 नवंबर 2025 को की जाएगी।
● हालांकि इस IPO में निवेश की हिस्सेदारी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 75%, नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए 15% और रिटेल निवेशकों के लिए 10% रखी गई है।
क्या इस आईपीओ में निवेश करना फायदेमंद होगा?


● बता दें समय के साथ आईकेयर का क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है।
● ऐसे में लेंसकार्ट की ग्रोथ होने के चांसेस ज्यादा है और लेंसकार्ट ने फाइनेंशियल ईयर 2025 में भी मुनाफा दिखाया था।
● परंतु इस निवेश की वैल्यूएशन काफी ऊंची है। प्राइस बैंड के हिसाब से कंपनी का मूल्यांकन बढ़ रहा है परंतु इसकी रिटेल हिस्सेदारी कम है।
● ज्यादा प्रतियोगिता और ऑनलाइन/ऑफलाइन खिलाड़ी होने की वजह से हो सकता है लेंसकार्ट के मार्जिन पर दबाव पड़े।
● वही लेंसकार्ट आगे स्टोर खोलने का प्लान भी बना रही है परंतु इसमें इंप्लीमेंटेशन रिस्क हो सकता है।
● मतलब लिस्टिंग के बाद यदि मार्केट का मूड बदल गया फंड पर असर पड़ सकता है।

क्या निवेशकों को इसमें निवेश करना चाहिए ?
● यदि निवेशक मध्यम से दीर्घकालीन निवेश करना चाहते हैं तो इस IPO में हिस्सेदारी लेना समझदारी होगी।
● परंतु शॉर्ट टर्म लाभ के लिए यह सुरक्षित विकल्प नहीं है।
● रिटेल निवेशक के लिए अलॉटमेंट पहले से ही कम है मतलब जोखिम ज्यादा होगा।
● कुल मिलाकर इस फंड में निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति, जोखिम प्रोफाइल और निवेश हॉरिजोन का विवरण जाने और उसके बाद ही लेंसकार्ट आईपीओ में निवेश करने का विचार बनाएं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर निसंदेह Lenskart IPO भारत के रिटेल और डिजिटल मार्केट में एक बहुत बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकता है। परंतु ऊंचे वैल्यूएशन और सीमित रिटेल अलॉटमेंट की वजह से इसमें सावधानी बरतनी जरूरी है। ऐसे में दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन साबित होगा परंतु शार्ट टर्म खिलाड़ियों के लिए यह जोखिम हो सकता है।

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