7 साल बाद मां की गोद में लौटा बिहार का मुकेश, भावुक पुनर्मिलन! समाजसेवी, एवं पत्रकार संजय कँवर का विशेष योगदान
पांवटा साहिब: सात साल पहले घर से लापता हुआ बिहार का मुकेश आखिरकार अपने परिवार से मिला। मां ललिता देवी की आंखें खुशी से छलक उठीं। यह पुनर्मिलन सबके लिए भावुक क्षण था।
3 अप्रैल 2025 को मुकेश को पांवटा साहिब के गोंदपुर से बचाया गया। वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था। तारूवाला के नशा मुक्ति केंद्र में उसे लाया गया। बातचीत में उसने अपना नाम मुकेश कुमार (27) बताया। उसका पता बिहार के सिपोल जिले का कोरिया पट्टी निकला।


उत्तर प्रदेश के रमाकांत ने स्थानीय बीएलओ के नंबर खोजे। कोरिया पट्टी स्कूल के शिक्षक हेम शंकर ने मुकेश के परिवार को सूचना दी। मां ललिता देवी ने फोन पर बेटे की खबर सुनी। वह भाई गजेंद्र सिंह के साथ बिहार से हरियाणा पहुंचीं।
यमुनानगर से पांवटा साहिब पहुंचकर मां-बेटे का मिलन हुआ। पांवटा साहिब पुलिस ने औपचारिकताएं पूरी कीं। मुकेश को उसकी मां को सौंप दिया गया। ललिता देवी ने बताया कि मुकेश 2017 से मानसिक बीमारी से जूझ रहा था।
18 जून 2018 को वह अचानक गायब हो गया था। परिवार ने उसकी तलाश की। पुलिस में शिकायत भी दर्ज की। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सात साल बाद बेटे को देख मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
इस पुनीत कार्य में नशा मुक्ति केंद्र तारूवाला के संचालक अंशुल शर्मा, अंकुर शर्मा और उनकी टीम ने सहयोग किया। रमाकांत का भी विशेष योगदान रहा। पांवटा साहिब पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाई। यह कहानी उम्मीद और मानवता की मिसाल है।