Himachal News: अब खेतों में दिखेगी कृषि संबंधी वैज्ञानिक सोच! एक्शन प्लान को सरकार से मिली मंजूरी
Himachal News: कृषि में वैज्ञानिक सोच को खेतों में धरातल स्तर पर उतार कर, किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हिम उन्नति योजना लागू की है। योजना के अन्तर्गत गांव-गांव में खेती-बाड़ी से जुड़े लोगों के हिम कृषि क्लस्टर बना कर कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके।
Himachal News: अब खेतों में दिखेगी कृषि संबंधी वैज्ञानिक सोच! एक्शन प्लान को सरकार से मिली मंजूरी
योजना को धरातल में उतारने और करसोग उपमंडल में योजना से किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से तैयार किए गए एक्शन प्लान को राज्य सरकार ने जिला प्रशासन के माध्यम से मंजूरी प्रदान कर दी है। उपमंडल में लगभग 300 बीघा से अधिक भूमि योजना के अन्तर्गत लाई गई है। जिसके लिए करसोग में दो हिम कृषि क्लस्टर बनाए गए है। इन हिम कृषि क्लस्टर के माध्यम से प्रथम चरण में क्षेत्र में कृषि विकास पर लगभग 21 लाख रुपये व्यय किए जाने हैं।
योजना के अन्तर्गत लगभग 80 किसानों को लाभान्वित किया जाना है। हिम उन्नति योजना को अमलीजामा पहनाते हुए कृषि विभाग द्वारा तैयार किए गए एक्शन प्लान के तहत एक क्लस्टर करसोग के भनेरा गांव में हिम कृषि क्लस्टर बनाया गया है जबकि दूसरा हिम कृषि क्लस्टर पांगणा के मशोग गांव में बनाया गया है। भनेरा गांव में बनाए गए इस क्लस्टर में लगभग 250 बीघा भूमि को कवर किया जाना है। इससे सीधे तौर पर क्षेत्र के लगभग 50 किसान लाभान्वित होंगे।

जबकि मशोग पांगणा क्लस्टर में लगभग 66 बीघा खेती योग्य एरिया शामिल किया गया है। इससे 30 किसानों को लाभान्वित किया जाना है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अप्रैल, 2023 के बजट में हिम उन्नति योजना की घोषणा की थी। प्रदेश सरकार की यह एक महत्वपूर्ण योजना है, जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विकास तथा किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित है।
योजना में शामिल कृषि क्षेत्र में किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा। हिम कृषि क्लस्टर क्षेत्र में आवश्यक सिंचाई सुविधा के लिए बोरवैल, सिंचाई टैंक और उठाऊ सिंचाई योजनाओं के माध्यम से खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। खेतों में किए जाने वाले कृषि कार्य में वैज्ञानिक सोच या वैज्ञानिक पद्धति को व्यवहारिक रूप से अमल में लाने के दृष्टिगत किसानों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, डैमोस्ट्रेशन और एक्सपोजर विजिट की भी व्यवस्था की गई है।
जिसमें विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों का प्रशिक्षण भ्रमण भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, किसानों को उत्तम किस्म के बीज निःशुल्क उपलब्ध करवाएं जाने हैं। योजना में कृषि के साथ-साथ पशुपालन और बागवानी को भी शामिल किया गया है। पशुपालन से जुड़े किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।
एसएमएस कृषि विभाग करसोग परवीन गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी और किसान हितैषी हिम उन्नति योजना को धरातल पर लागू किया जा रहा है। इसके लिए तैयार किए गए एक्शन प्लान को मंजूरी मिल गई है। योजना के तहत क्षेत्र में दो क्लस्टर बनाए गए हैं। जिनमें लगभग 21 लाख रुपये व्यय किए जाने है।

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