Achievement: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हिमाचल के पांच लाल! लाड़लों के कंधों पर सितारें देख भावुक हुए माता-पिता
Achievement: हिमाचल प्रदेश के पांच बेटों ने अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से सफलता की इबादत लिखी है जिससे उनके परिजनों में भी ख़ुशी की लहर दौड़ी हुई है।
Achievement: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हिमाचल के पांच लाल! लाड़लों के कंधों पर सितारें देख भावुक हुए माता-पिता
दौलतपुर पंचायत के शिवम भाटिया, ग्राम पंचायत बट के आर्यन ठाकुर, सरयून खास पंचायत के जमथलीघाट के शुभम ठाकुर, तलाई गांव के परिश्रुत और घालूवाल केअनुज वशिष्ठ ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद हासिल किया है।
पांचों बेटों ने भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून से प्रशिक्षण पूरा किया और पासिंग आउट परेड के बाद उन्हें अब अलग-अलग रेजीमेंट में तैनाती मिली है। उधर, लाड़लों के कंधों पर सितारें देख माता-पिता भी भावुक दिखाई दिए।
कठिन प्रशिक्षण पूरा कर अफसर बने आर्यन ठाकुर
ग्राम पंचायत बट के आर्यन ठाकुर ने कड़ी मेहनत के दम पर सेना में अफसर का पद हासिल किया है। आर्यन ठाकुर ने सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रथम प्रयास में ही एनडीए परीक्षा पास की।
जिसके बाद उनका चयन राष्ट्रीय सैन्य अकादमी पुणे महाराष्ट्र के लिए हुआ। वह करीब चार वर्ष के कठिन प्रशिक्षण के बाद आईएमए देहरादून से पासआउट हुए है। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय शिक्षा विभाग में टीजीटी नॉन मेडिकल के पद पर तैनात पिता रणधीर सिंह और माता वैष्णो को दिया हैं।
भारतीय सेना का हिस्सा बने शुभम
बिलासपुर जिला की सरयून खास पंचायत के जमथलीघाट के शुभम ठाकुर ने मल्टीनेशनल कंपनी से नौकरी छोड़कर देश सेवा की राह चुनी है। उन्होंने नौकरी छोड़ने के बाद सीडीएस परीक्षा दी जिसे पास भी कर लिया।
ऐसे में आईएमए में हुई पासिंग आउट परेड के बाद वह भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं। शुभम ठाकुर की नियुक्ति 5/5 गोरखा राइफल में हुई है। पासिंग आउट परेड में उनके माता-पिता भी मौजूद रहे।
सेना में अफसर बने अनुज वशिष्ठ
ऊना जिला के घालूवाल निवासी अनुज वशिष्ठ ने एनडीए की परीक्षा पास कर 4 साल का प्रशिक्षण पूरा किया और अब वह सेना में अफसर बने है। अनुज ने आईएमए में आयोजित पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया और देश की रक्षा की शपथ लेते हुए वह भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं।
परिश्रुत के बचपन का सपना हुआ पूरा
तलाई गांव के परिश्रुत का बचपन का सपना तब पूरा हुआ जब आईएमए में पासिंग आउट परेड में उनके कंधे पर सितारे सजे और शरीर पर अफसर की वर्दी दिखी। परिश्रुत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तलाई स्थित शिशु मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की।
जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे से स्नातक की और आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण लिया। परिश्रुत के नाना स्व. जगदीश कुमार पवार भी भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत रहे थे।
शिवम भाटिया नौकरी छोड़ बने लेफ्टिनेंट
उधर, दौलतपुर पंचायत के शिवम भाटिया ने गुरुग्राम स्थित निजी कंपनी में नौकरी छोड़कर देश सेवा चुनी। शिवम का शुरू से ही भारतीय सेना में जाने का सपना था इसलिए उन्होंने सीडीएस परीक्षा की तैयारी शुरू की और अपने पहले ही प्रयास में इसे पास कर लिया।
ऐसे में अब वह लेफ्टिनेंट बन गए है। पासिंग आउट परेड में उनके पिता सुरिंद्र कुमार और माता कांता शामिल हुए जोकि शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं।
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