Achievements: हिमाचल के प्रत्यूष शर्मा ने पहले ही प्रयास में पास की जेआरएफ परीक्षा, जानें कैसे 21 साल की उम्र में पाई यह बड़ी उपलब्धि
Achievements: हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के 21 वर्षीय प्रत्यूष शर्मा ने अपने पहले ही प्रयास में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) की परीक्षा उत्तीर्ण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
Achievements: हिमाचल के प्रत्यूष शर्मा ने पहले ही प्रयास में पास की जेआरएफ परीक्षा, जानें कैसे 21 साल की उम्र में पाई यह बड़ी उपलब्धि
यह परीक्षा 4200 परीक्षार्थियों में से केवल नौ सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों ने पास की, जिसमें प्रत्यूष ने 300 में से 236 अंक लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
जानें, कैसे प्रत्यूष ने इतनी कम उम्र में यह परीक्षा पास की और किस तरह उन्होंने हिमाचल और दिल्ली विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान मिली सफलता
दिल्ली विश्वविद्यालय में कला स्नातकोत्तर के अंतिम सेमेस्टर के छात्र प्रत्यूष शर्मा ने इस जेआरएफ परीक्षा को उत्तीर्ण कर दिखाया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ भी संभव है।
इस फेलोशिप के तहत उन्हें पीएचडी के दौरान पांच वर्षों तक मासिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी, साथ ही उन्हें महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए योग्यता प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा।
माता-पिता और गुरुजनों को दिया श्रेय
प्रत्यूष ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। उनके पिता अनूप शर्मा, जो हाल ही में शिमला से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, ने भी संगीत में 23 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। प्रत्यूष की मां ऋचा शर्मा गृहिणी हैं।
संगीत के क्षेत्र में पहले भी हासिल की कई उपलब्धियां
प्रत्यूष ने शास्त्रीय हारमोनियम और संगीत गायन में भी कई पुरस्कार अपने नाम किए हैं। 2022 में राज्य स्तरीय युवा उत्सव में शास्त्रीय हारमोनियम वादन में प्रथम स्थान प्राप्त किया था, और इसके अलावा अंडर-19 स्कूली राज्य स्तरीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता में संगीत गायन में लगातार सात बार विजेता रहे हैं। प्रत्यूष की यह उपलब्धि बिलासपुर और हिमाचल के युवाओं के लिए प्रेरणा है।