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Astrology Tips: आपकी कुंडली में छुपा है कारोबारी सफलता का राज़! व्यापार ने कामयाबी मिलेगी या नहीं कैसे पहचाने?

Astrology Tips: आपकी कुंडली में छुपा है कारोबारी सफलता का राज़! व्यापार ने कामयाबी मिलेगी या नहीं कैसे पहचाने?

Astrology Tips: आपकी कुंडली में छुपा है कारोबारी सफलता का राज़! व्यापार ने कामयाबी मिलेगी या नहीं कैसे पहचाने?
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Astrology Tips: आपकी कुंडली में छुपा है कारोबारी सफलता का राज़! व्यापार ने कामयाबी मिलेगी या नहीं कैसे पहचाने?

Astrology Tips: जीवन में सफलता की प्राप्ति आपकी मेहनत और आपकी तक़दीर पर निर्भर करती है।

Astrology Tips: आपकी कुंडली में छुपा है कारोबारी सफलता का राज़! व्यापार ने कामयाबी मिलेगी या नहीं कैसे पहचाने?

कुंडली हमें यह बताती है कि किस दिशा में हमारी सफलता है। कई बार लोग अपने व्यापारिक योग को पहचान नहीं पाते और नौकरी में ही समय बर्बाद करते हैं।

Astrology Tips: कुंडली और नौकरी के योग….

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कुंडली में जो लोगों के पास नौकरी का योग होता है, वह अक्सर व्यापार में नाकाम होते हैं। यदि कुंडली में नौकरी का स्पष्ट योग हो, तो व्यापार से सम्बंधित रिस्क न लें।

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Astrology Tips: व्यापार में सफलता और हानि की संभावना

हर जातक की कुंडली उसके व्यापार में सफलता और हानि की संभावना को दर्शाती है। जब हम कुंडली का अध्ययन करते हैं, हमें यह पता चलता है कि किस प्रकार का व्यवसाय हमें करना चाहिए और किससे बचना चाहिए।

Astrology Tips: कुंडली के विभिन्न भाव और उनका महत्व

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दसवाँ भाव कर्म स्थान है, जिससे पता चलता है कि व्यक्ति को किस प्रकार का कार्य करना चाहिए। ग्यारहवें भाव से हम लाभ की संभावना जान सकते हैं, और दूसरे भाव से धन संचय की स्थिति का पता चलता है। सप्तम भाव सहयोग की स्थिति दर्शाता है।

जातक के कार्य और व्यापार की सफलता के योग…

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नौकरी के योग: जब कुंडली में दशम भाव में सूर्य या मंगल स्थित होते हैं, ऐसे जातक स्वतंत्रता पसंद करते हैं और किसी के अधीन रहकर काम करना पसंद नहीं करते। दशमेश की लग्नेश से कमजोर स्थिति भी इसी प्रकार का प्रवृत्ति दिखाती है।

व्यापार में लाभ-हानि के योग: 11वां भाव पीड़ित होने पर व्यापार में हानि के योग बनते हैं। जबकि गुरु ग्रह के सप्तम और दशम भाव से संबंध हो, तो व्यापार में उन्नति होती है। विशेष रूप से जब गुरु की स्थिति उच्च या अपनी राशि में होती है।

कार्य के प्रकार और ग्रहों का संबंध:

शनि की स्थिति से लोहा, मशीनरी, ठेकेदारी आदि में लाभ होता है।

सूर्य की उच्च राशि और पूर्ण डिग्री से राजनीति में सफलता मिलती है।

मंगल के उच्च या स्वराशि में होने पर सेना और पुलिस सेवा में सफलता मिलती है।

बुद्ध के साथ व्यापार, लेखा-जोखा आदि में सफलता प्राप्त होती है।

शुक्र की अच्छी स्थिति से सौंदर्य-संबंधित व्यापार में वृद्धि होती है।

व्यापार और कार्य की सफलता के लिए कुंडली का सही विश्लेषण और ग्रहों के उपाय करना महत्वपूर्ण है। व्यक्ति को अपने ग्रहों और भावों की अनुकूलता के आधार पर ही व्यापारिक निर्णय लेने चाहिए।

इस प्रकार, कुंडली हमें हमारे व्यापारिक जीवन में सही दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करती है, जिससे हम अपने जीवन में उचित निर्णय ले सकते हैं।

लेख: साभार https://grahnakshatr.com

संपर्क: अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक को क्लिक कर व्हाट्सएप पर ज्योतिषाचार्य सतविंदर से संपर्क कर सकते हैं और अपनी कुंडली का विश्लेषण करवा सकते हैं।

 

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Written by Newsghat Desk

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