Benefits for working women: अब नौकरीशुदा महिलाओं को मिलेंगे ये खास लाभ! घर से काम कैब और इंसेंटिव्स! देखें और क्या है खास
Benefits for working women: लगातार फाइनेंस सेक्टर में महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के लिए मैटरनिटी बेनेफिट्स बढ़ने की पहल की जाने रही है।
भारत में वैश्विक वित्तीय कंपनियां महिला कर्मचारियों को आकर्षित करने और उन्हें कंपनी के साथ जोड़े रखने के प्रयास के तहत मैटरनिटी बेनेफिट्स का विस्तार करने के बारे में विचार कर रही हैं।
इन प्रयासों में कई भत्ते को भी शामिल किया गया है, जो पहले नहीं देखे या अन्य कहीं देखने को नहीं मिला है।
Benefits for working women: अब नौकरीशुदा महिलाओं को मिलेंगे ये खास लाभ! घर से काम कैब और इंसेंटिव्स! देखें और क्या है खास
आपको बता दें कि भारत में एक चौथाई से भी कम वयस्क महिलाएं काम कर रही है, जो दुनिया में सबसे कम दर में से एक है, लेकिन लगातार महिलाओ की संख्या बढ़ रही हैं।
ये भी जान लें कि सिटी इंडिया और दक्षिण एशिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी आदित्य मित्तल ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना हम यानी भारत कभी भी विकसित देश नहीं बन पाएंगे।
ऐसे में बैंक ने हाल ही में सप्ताह घोषणा की है कि नई माताओं को अब उनकी पेड लीव समाप्त होने के बाद एक साल तक घर से काम करने का ऑप्शन प्रदान किया जाने वाला हैं।
ये भी बता दे कि वर्ल्ड बैंक के जेंडर डेटा पोर्टल के अनुसार भारत में पहले से ही फुल सैलरी पर न्यूनतम 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाता है।
यह अमेरिका के साथ बिल्कुल विपरीत है। जहां कि पेड लीव के लिए कोई कानूनी प्रावधान प्रदान नही किया गया है।
वहां, जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी तथा बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प दोनों सभी नए माता-पिता के लिए 16 सप्ताह की छूट्टी की पैरवी करते है।
जबकि गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक माता-पिता को 20 सप्ताह की छुट्टी प्रदान करता है, तो वहीं, बार्कलेज ने सभी अमेरिकी देखभालकर्ताओं के लिए माता-पिता की छुट्टी को 16 सप्ताह तक बढ़ा दिया है, ऐसे में छुट्टी में बढ़ोतरी के साथ अनेक बदलाव देखने को मिलने वाला है।
वर्तमान में एचएसबीसी अपनी रिस्टैब्लिश निजी बैंकिंग यूनिट के लिए वेल्थ बैंकर्स की भर्ती कर रहा है तथा सिटीग्रुप ने विस्तार के लिए भारत को अपने शीर्ष बाजारों में से एक के रूप में सुनिश्चित कर लिया है।
भर्ती अभियान में प्रतिभाशाली महिलाओं को शामिल करना तथा पहले से ही बैंकों में काम कर रही महिलाओं को बनाए रखना अवश्य रूप से है, आवश्यक ऑनसाइट डेकेयर के अलावा एचएसबीसी होल्डिंग्स पीएलसी महिला कर्मचारियों को 6 साल तक के बच्चों की देखभाल के लिए एक नैनी के भुगतान के लिए 216 डॉलर तक का मासिक चाइल्ड केयर भत्ता (monthly childcare allowance) प्रदान करने का निर्णय पहले ही ले चुका हैं।
इसके साथ ही एचएसबीसी इंडिया में मानव संसाधन प्रमुख अर्चना चड्ढा ने कहा कि बैंक ने पाया कि उसके कई कर्मचारी अपने बच्चों को घर पर रखना चाहते हैं।
इसलिए नए माता-पिता आमतौर पर नैनी पर भरोसा करने के मजबूर है, और भारत में लगभग 39,000 कर्मचारियों वाला लंदन स्थित बैंक नई माताओं को फ्लेक्सिबल वर्किंग घंटे तथा प्रसव के बाद कैरियर ग्रोथ भी प्रदान करने का काम करता है।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य महिलाओं को काम पर वापस आने पर सहायता प्रदान करना तथा उनके जीवन को आसान बनाना है।
हाल ही में मॉर्गन स्टेनली मुंबई तथा बैंगलोर में गर्भवती कर्मचारी को भीड़भाड़ वाली बसों तथा ट्रेनों से बचाने के लिए कैब की सवारी का खर्च उठाने का निर्णय लिया है।
मानव संसाधन प्रमुख रजत माथुर ने कहा कि हमने पाया कि बहुत सारी महिलाएं उस चरण में सिर्फ इसलिए जॉब छोड़ देती थीं, क्योंकि उन महीनों में सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करना बहुत मुश्किल होता है, ऐसे में हम उन्हे अब सुविधा प्रदान करेंगे ताकि कोई भी माता असमय जॉब न छोड़े।