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Cancer Treatment: हिमाचल में कैंसर के ईलाज में नया कीर्तिमान! कीमोथैरेपी का दुष्प्रभाव ऐसे होगा कम! तीन साल के अनुसंधान के बाद मिली बड़ी सफलता

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Cancer Treatment: हिमाचल में कैंसर के ईलाज में नया कीर्तिमान! कीमोथैरेपी का दुष्प्रभाव ऐसे होगा कम! तीन साल के अनुसंधान के बाद मिली बड़ी सफलता
Cancer Treatment: हिमाचल में कैंसर के ईलाज में नया कीर्तिमान! कीमोथैरेपी का दुष्प्रभाव ऐसे होगा कम! तीन साल के अनुसंधान के बाद मिली बड़ी सफलता

Cancer Treatment: हिमाचल में कैंसर के ईलाज में नया कीर्तिमान! कीमोथैरेपी का दुष्प्रभाव ऐसे होगा कम! तीन साल के अनुसंधान के बाद मिली बड़ी सफलता

Cancer Treatment: टर्की टेल मशरूम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसका सेवन करने से कीमोथेरपी के कारण कैंसर के मरीजों की कमजोरी दूर होगी और वे तेजी से स्वस्थ होंगे।

खुंब अनुसंधान निदेशालय, सोलन ने अब मशरूम की एक और नई प्रजाति, टर्की टेल को उगाने में सफलता पाई है।

Cancer Treatment: हिमाचल में कैंसर के ईलाज में नया कीर्तिमान! कीमोथैरेपी का दुष्प्रभाव ऐसे होगा कम! तीन साल के अनुसंधान के बाद मिली बड़ी सफलता

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यह मशरूम सामान्यतया जंगलों में उगती है, लेकिन अब इसे घरों में भी उगाया जा सकता है। इसकी किस्म औषधीय गुणों से भरी हुई है।

कैंसर के मरीज अगर इसका सेवन करते हैं, तो वे अन्य मरीजों की तुलना में जल्दी स्वस्थ होंगे। पहले यह मशरूम सिर्फ चीन और जापान में उगाई जाती थी।

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इस मशरूम को उगाने के लिए 20 से 22 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। निदेशालय ने इसको उगाने की तकनीक किसानों को उपलब्ध करवाई है और जल्द ही यह बाजार में उपलब्ध होगी। अब तक के अनुसंधान में इसके उगाने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

शोध में यह पाया गया है कि यह मशरूम स्तन, फेफड़े, प्रोस्टेट और कोलोरेक्टल कैंसर से निपटने में सहायक हो सकती है। इसके सेवन से कीमोथेरपी के दौरान होने वाली कमजोरी को दूर किया जा सकता है।

इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स पाचन क्रिया को मजबूत करेंगे। यह HIV/AIDS के मरीजों के लिए भी उपयोगी हो सकती है।

खुंब निदेशालय सोलन के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने बताया कि निदेशालय ने टर्की टेल मशरूम को उगाने में सफलता प्राप्त की है। इसे किसानों को उगाने की तकनीक जल्द ही बताई जाएगी।

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Written by newsghat

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