Car Insurance : इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से पहले पढ़ ले इंश्योरेंस से जुड़े ये नियम
Car Insurance: अगर बात करे कार इंशोरेंस की तो वर्तमान में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicles) वाहन तेजी से बढ़ रहे है।
अब अधिकतर लोग पेट्रोल और डीजल की गाड़ी के बजाय इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे है। वर्तमान में देखा गया है कि देश में अब नए-नए इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार और बाइक एक के बाद एक लांच हो रहे हैं।
यदि आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना चाहते हैं तो इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंश्योरेंस खरीदते वक्त किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
दरअसल देखा जाए तो इलेक्ट्रिक व्हीकल डीजल-पेट्रोल गाड़ियों की अपेक्षा ज्यादा महंगी हैं इसलिए ऐसी पॉलिसी लेते समय ऐसी पॉलिसी चुनना चाहिए जिसमें अधिक से अधिक कवरेज हो।
अगर आप Comprehensive coverage परचेज करते हैं तो ये आपको थर्ड पार्टी लाइबिलिटीज और अपनी वजह से होने वाले नुकसान को प्रोटेक्ट करने (Own Damage) से बचाएगा।
OD कवरेज की अंतर्गत भविष्य में होने वाली दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा, दंगों और आग की वजह से गाड़ी को हुए नुकसान या चोरी की स्थिति में रिपेयरिंग बिल में राहत मिल जाती है। पर्सनल एक्सीडेंट कवर कर लेते है तो आपको शारीरिक चोट, आंशिक या पूर्ण विकलांगता या मौत के मामले में सिक्योरिटी कवर मिलता है।
IDV इसका मतलब है इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू आसान भाषा में समझे तो IDV आपकी कार की मौजूदा वैल्यू है। IDV जितना ज्यादा रहता है उसका प्रीमियम भी उतना ही अधिक होता है।
IDV अधिकतम रकम है जो बीमा कंपनी द्वारा आपको प्राप्त होगी। हालांकि बहुत सी नुकसान की स्थिति में ज्यादा IDV आपको ज्यादा क्षतिपूर्ति दिलवाता है। क्योंकि Electric Vehicle थोड़ी ज्यादा महंगे होते हैं इसलिए ज्यादा IDV वाली पॉलिसी को प्राथमिकता देनी चाहिए। ताकि किसी नुकसान की स्थिति में आपको ज्यादा से ज्यादा क्लेम मिल सके। IDV के लिए बीमा कंपनी कई जानकारियां लेती है जैसे कार रजिस्ट्रेशन, मॉडल की जानकारी आदि जानकारी शामिल होती है।
Electrical Vehicle इंश्योरेंज प्रीमियम
ध्यान रहे प्रीमियम को एक निश्चित अंतराल में चुकाना होता है इसलिए ऐसी प्रीमियम का चुनाव करें जिसे देने में आपको सुविधा रहे। लेकिन आप पहले यह सुनिश्चित करने कि कवरेज से कोई समझौता न पाए। ऐसी पॉलिसी को चुनने का प्रयास करें जो अर्फोडेबल हो और ज्यादा से ज्यादा कवरेज दे सके।
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
जब आप पॉलिसी खरीदते है तो क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (Claim Settlement Ratio) एक अहम स्टेंडर्ड माना जाता है। ये जानना आपके लिए काफी लाभदायक होगा कि कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो कैसा है। हमेशा ऐसी कंपनी से इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का प्रयास करें, जहां बगैर किसी अड़चन के क्लेम सेटलमेंट हो सके।
एड-ऑन (Add-ons)
यदि आप इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय आप जीरो डेप्रिसिएशन एड-ऑन लेना चाहते हैं। तो इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय आप अतिरिक्त बेनिफिट्स यानी एड-ऑन भी जुड़वा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अधिक Premium चुकाना पड़ेगा। आप कॉम्प्रहेन्सिव पॉलिसी (Comprehensive Policy) के तहत एड-ऑन करवा सकते हैं।