Child Health In Himachal: हिमाचल में बच्चों की हड्डियां कमजोर होने के कारण बढ़ा फैक्चर का खतरा! एक अहम रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानें क्या है कारण
Child Health In Himachal: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बच्चों में विटामिन डी की कमी का प्रमुख कारण धूप का कम मिलना है।
आईजीएमसी शिमला के एक अध्ययन ने इस तथ्य को उजागर किया है कि छठी से बारहवीं कक्षा के 300 बच्चों में से केवल 4 बच्चों में विटामिन डी की उचित मात्रा थी।
Child Health In Himachal: हिमाचल में बच्चों की हड्डियां कमजोर होने के कारण बढ़ा फैक्चर का खतरा! एक अहम रिपोर्ट में हुआ खुलासा, जानें क्या है कारण
Child Health In Himachal: इस अध्ययन को मेडिसिन विभाग के प्रो. जितेंद्र कुमार मोक्टा के नेतृत्व में आईजीएमसी शिमला की टीम ने किया था।
इसकी रिपोर्ट हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हुई है। अध्ययन में शिमला के स्कूली बच्चों पर विटामिन डी की कमी का मूल्यांकन किया गया था।
अध्ययन के लिए शिमला के छठी से बारहवीं कक्षा के 300 बच्चों को चुना गया था, जिसमें से 151 बच्चियां और 149 बच्चे शामिल थे।
ये आंकड़े कुल बच्चों की 50.33 प्रतिशत और 49.76 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। विटामिन डी की कमी लड़कियों की तुलना में लड़कों में अधिक पाई गई।
अध्ययन ने पाया कि 98.66 प्रतिशत बच्चों में विटामिन डी की मात्रा निर्धारित सीमा से कम थी।
इनमें 93.33 प्रतिशत बच्चों में विटामिन डी की कमी पाई गई थी और 5.33 प्रतिशत बच्चों में 25 ओएच डी का स्तर सामान्य से कम पाया गया।
34.33 प्रतिशत बच्चों में बहुत अधिक कमी देखी गई। चार बच्चे जो कि 1.33 प्रतिशत हैं, उनमें विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा थी।
डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा के अनुसार, शिमला के मौसम और धूप से बचने के प्रवृत्तियों के कारण बच्चों में हड्डियों के विकास में समस्या उत्पन्न हो रही है।
उनका कहना है कि धूप बच्चों की हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, और इसके अभाव में बच्चों में फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ गई है।