CIBIL Score : Loan लेने के इच्छुक हैं तो जान लें कि कैसे सिबिल स्कोर के जरिए कर्ज लेना हो जाता है आसान….
जब भी आप लोन या कर्ज कर्ज लेने के लिए वित्तीय संस्थान में जाते हैं तो सबसे पहले आपका सिबिल स्कोर ही चेक किया जाता है।
CIBIL Score एक ऐसी रिपोर्ट है जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, नौकरी संबंधी डिटेल्स, बैंक खाते और पुराने लोन की जानकारी होती है जोकि कर देते वक्त हर एक बैंक और आजकल तो बीमा कंपनियां भी सिविल स्कोर देखती है।
जानें कैसे लोन लेने में कैसे सहायक होता है सिबिल स्कोर….
बैंक या वित्तीय कंपनी से किस ब्याज पर कितना लोन मिलेगा ? यह सिबिल स्कोर पर निर्भर होता है। जितना अच्छा सिबिल स्कोर होता है उतने ही कम दर पर कर्ज मिल सकता है। यदि आपका सिबिल स्कोर खराब होता है महंगा और कठिनाई से लोन मिलता है।
सिबिल स्कोर रिपोर्ट में आपकी सभी व्यक्तिगत जानकारी, नौकरी संबंधी डिटेल्स, बैंक खाते और पुराने लोन की जानकारी होती है अब तो बीमा कंपनियां भी स्कोर देखती हैं।
कौन सी एजेंसियां हैं सिबिल स्कोर जांचने के लिए अधिकृत…
चार एजेंसियों को आरबीआई ने सिबिल स्कोर तैयार करने के लिए अधिकृत किया है। सिबिल, एक्सपेरियन, एक्वीफाक्स और हाईमार्क्स। ये संस्थाएं बैंक, एनबीएफसी, फिनटेक कंपनियों जैसे विभिन्न स्रोतों से कर्ज लेने, चुकाने समेत अन्य सूचनाएं जुटाती हैं तथा इनके आधार पर ही सिबिल स्कोर तैयार करती हैं।
संस्थाएं यह भी देखती हैं कि आपने कर्ज लेने को कितनी बार बैंकों या वित्तीय संस्थाओं से जानकारी हासिल की है,व्यावसायिक संस्था के लिए लेखा परीक्षक, कोर्ट में लंबित मामले जैसी जानकारियां भी जुटाती हैं।
कितना होना चाहिए सिबिल स्कोर ?
सिबिल स्कोर 0 से 900 के बीच होता है। लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि कितना सिबिल स्कोर अच्छा और कितना होता है खराब…
550 बहुत बुरा
550-650 बुरा
650-750 औसत
750 से ज्यादा अच्छा
750-900 सबसे अच्छा
व्यावसायिक संस्थाओं के लिए सिबिल स्कोर एक से 10 के बीच होता है जिसमें एक को सबसे अच्छा माना जाता है जबकि 10 का स्कोर खराब होता है।
अगर आपका किसी कर्ज का कोई लेनदेन नहीं है या आपने किसी बैंक या एनबीएफसी या फिनटेक कंपनी से लोन नहीं लिया है तो आपका सिबिल स्कोर शून्य से भी नीचे चला जाता है।
वहीं, यदि आप समय पर नियमित रूप से कर्ज का भुगतान करते हैं तो सिबिल स्कोर 750 या उससे ज्यादा रहता है।
अगर इन बातों का रखेंगे ध्यान तो नही होना पड़ेगा परेशान…
1. समय पर कर्ज चुकाएं, किस्त न छूटे, इसके लिए उचित प्रबंध करें।
2. अपनी कमाई का 30 फीसदी से ज्यादा कर्ज कतई न लें।
3. लोन के लिए बार-बार आवेदन न करें और न ही इसके लिए किसी को मंजूरी दें।
4. जरूरत के हिसाब से ही कर्ज लें ना के प्रस्ताव और कम ब्याज की वजह से।
5. लंबी अवधि के लिए कर्ज लें क्योंकि किस्त भी कम होगी और भुगतान करने में भी आसानी होगी।
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