Coffee Lovers: अगर आप भी कॉफी लवर्स हैं तो आपके लिए ये गुड न्यूज है! हिमाचल में महकेगी कॉफी की खुशबू! पढ़ें क्या है ये बड़ा मामला
Coffee Lovers: पूर्व में भारतीय कॉफी बोर्ड के सदस्य रह चुके डॉ. विक्रम शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं क्षेत्र में कॉफी उत्पादन का सफल प्रयोग किया है। हिमाचल प्रदेश, जो सेब के लिए प्रसिद्ध है, अब कॉफी की सुगंध भी फैला रहा है।
Coffee Lovers: अगर आप भी कॉफी लवर्स हैं तो आपके लिए ये गुड न्यूज है! हिमाचल में महकेगी कॉफी की खुशबू! पढ़ें क्या है ये बड़ा मामला
Coffee Lovers: डॉ. विक्रम ने चंद्रागिरी किस्म के कॉफी का सफल प्रयोग किया है, जिससे क्षेत्र में मसाले के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।
उत्तर भारत में कॉफी का उत्पादन अधिकतर नहीं होता क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके लिए यहां की जलवायु उत्तम नहीं है। फिर भी, बिलासपुर के डॉ. विक्रम ने चंद्रागिरी किस्म के कॉफी के प्रयोग को सफलतापूर्वक कर दिखाया है।
वे चिकमंगलूर से 1998 में कॉफी के तीन विभिन्न किस्म के बीज लिए थे, जिसमें चंद्रागिरी, एस-9, और एस-11 शामिल थे। उन्होंने इन बीजों की खेती अपने गांव पलसोटी में शुरू की, और उन्हें चंद्रागिरी किस्म का प्रयोग सफल रहा।
इस पौधे की विशेषता यह है कि यह छायादार स्थानों में भी बेहतर उत्पादन करता है, जिसके कारण इसे अन्य फसलों के बीच उगाया जा सकता है। इसमें हींग, पिस्ता और दालचीनी की खेती में सबसे अधिक लाभ होता है।
इस पौधे का एक और फायदा यह है कि इसे किसी भी कीटनाशक या स्प्रे की जरूरत नहीं होती है। यह पौधा 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है।
डॉ. विक्रम का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में कॉफी उत्पादन की अनगिनत संभावनाएं हैं, जिसे उन्होंने अपने प्रयोग से साबित किया है।
कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में विशाल मात्रा में कॉफी का उत्पादन किया जाता है, जिसकी वजह से भारत एशिया में इसके उत्पादन और निर्यात में तीसरे स्थान पर है।
इन राज्यों में कार्बनिक पदार्थ युक्त मिट्टी पाई जाती है, जो कॉफी की खेती के लिए अत्यंत आवश्यक होती है।
इस प्रकार की मिट्टी में कॉफी के पौधों की जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी पोषण तत्व मौजूद होते हैं। यही कारण है कि कर्नाटक, केरल, और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में कॉफी का उत्पादन विशाल मात्रा में होता है।