Credit Card के बिल समय पर नही करवा पाए जमा तो ना हों परेशान, अपनाएं ये तरीका तो मिलेगा 2 महीने का एक्स्ट्रा टाइम
यदि आप आज के समय में क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, तब ऐसे में कई बार जरूरत से ज्यादा खरीदारी करने के कारण आपका बिल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और इस बिल को चुकाने के लिए आपको कम से कम 2-3 महीने का समय चाहिए होता है, पर वही यदि ड्यू डेट के भीतर पूरा पेमेंट नहीं करने पर आपको इंट्रेस्ट फ्री पीरियड का लाभ नहीं मिल पाता है।
इस परिस्थिति में अगर आप अगले दो तीन महीने के लिए मिनिमम पेमेंट से काम चलाते हैं तब इंट्रेस्ट अमाउंट बहुत ज्यादा हो जाता है और क्रेडिट कार्ड पर इंट्रेस्ट रेट 3-3.5 फीसदी मंथली तक होता है जो बहुत ज्यादा होता है, ऐसे में आप आज के समय में इस परिस्थिति में बैलेंस ट्रांसफर का लाभ आसानी से उठा सकते हैं।
क्या होता है बैलेंस ट्रांसफर ?
आज के समय में जब आप ड्यू डेट के भीतर क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट कर नही पाते है तब कम्पाउंड इंट्रेस्ट से बचने के लिए बैलेंस ट्रांसफर का उपयोग करना चतुराई भरा फैसला हो सकता है, और यहां इस बात को समझना जरूरी है कि यूजर अपने एक क्रेडिट कार्ड बैलेंस दूसरे क्रेडिट कार्ड पर आज़ के समय में ट्रांसफर कर सकता है।
आज के समय के बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा सभी क्रेडिट कार्ड में नहीं होती है, ऐसे में आपको इस बार का ध्यान रखना होगा की आपके क्रेडिट कार्ड में बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा है या नही। जानें कैसे…
उपयोग कैसे होता है :
मान लीजिए कि आपके पास दो क्रेडिट कार्ड है और आपके क्रेडिट कार्ड “A” के लिए बिलिंग डेट 20 तारीख है तथा 10 तारीख पेमेंट के लिए ड्यू डेट होता है, ऐसे में मान लीजिए कि अगस्त के महीने में 20 तारीख को आपके क्रेडिट कार्ड “A” के लिए 1 लाख रुपए का बिल जेनरेट होता है।
ऐसे में पेमेंट की तारीख 10 सितंबर को होगी, यदि आप 10 सितंबर तक पेमेंट नहीं कर पाते हैं तब आपको इंट्रेस्ट फ्री पीरियड का लाभ नहीं मिल सकता है, यदि 3 फीसदी की दर से इंट्रेस्ट लगना शुरू होता है तब हर महीने आपको 3-4 हजार रुपए का इंट्रेस्ट तब तक जमा करना होता है, जब तक बिल का एक-एक रुपया जमा नहीं हो जाता है।
सबसे पहले जाने ये जरूरी बात
यदि आप ऐसी परिस्थिति मे कार्ड “B” पर कार्ड A का बैलेंस ट्रांसफर कर देते हैं, ऐसे में आप मान लीजिए कि 8 सितंबर को आपने क्रेडिट कार्ड A का बिल बी पर ट्रांसफर कर दिया है, और इस सुविधा के कारण आपको “A” कार्ड पर किसी तरह का इंट्रेस्ट नहीं जमा करना होगा, और बैलेंस ट्रांसफर के दौरान आपको दो विकल्प मिलता है, जिसमे पहला 2 महीने के भीतर रीपेमेंट करना और दूसरा 6 महीने का रीपेमेंट करना होता है, इस तरह से आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान कर सकते है।
पहले जान लें कौन विकल्प चुन सकते हैं …
वर्तमान समय में आप अपनी सुविधा के अनुसार दोनों में किसी एक ऑप्शन का चुनाव कर सकते है। और बैलेंस ट्रांसफर के दौरान इस बात को ध्यान में रखना होगा कि मिनिमम अमाउंट जमा करना आज के समय में जरूरी होता है, अर्थात कार्ड “B” पर जब बैलेंस ट्रांसफर कर दिया जाता है तब उसके बिलिंग डेट में वह शामिल हो जाता है, और आपको पूरा बैलेंस भले ही 60 दिनों के भीतर जमा करना हो, पर आपको इस दौरान बिल जेनरेट होने पर मिनिमम अमाउंट जमा करना जरूरी होता है, ऐसे में आप बाद में जो बचा हुआ अमाउंट है उसका भुगतान कर सकते हैं।
ईएमआई की ले सकते हैं सुविधा :
आज के समय में यदि आप क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया है तब बैलेंस ट्रांसफर का पैसा लेने के बाद उसे चुकाने के लिए आप आज के समय में ईएमआई का ऑप्शन चुन सकते हैं। और बिल चुकाने के लिए बैलेंस ट्रांसफर में उतने ही पैसे ले सकते हैं जो आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट में रहता है, इसके साथ ही यदि आपके कार्ड की लिमिट 50,000 रुपये है, तब आप उस कार्ड से आप 50,000 रुपये से अधिक बैलेंस ट्रांसफर नहीं कर सकते है, और ईएमआई का ऑप्शन चुनते हैं तब आपको एक निश्चित ब्याज देना होगा, इसलिए आप एक बार बैलेंस ट्रांसफर पर ईएमआई शुरू करते समय ब्याज दर जरूर देख लें, कहीं पैसा लेना महंगा साबित न हो जाए, ऐसे में आप ईएमआई चुनते वक्त थोड़ा ध्यान रखें।