Crime Alert: बाईक चोर गिरोह का भांडाफोड़! गिरोह के सरगना सहित 4 गिरफ्तार, हिमाचल के युवक ने नौकरी न मिलने पर बनाया गिरोह
Crime Alert: पहले नशे में फंसने के बाद, छोटी-मोटी चोरियां करने लगे। जब परिवार ने उनकी शादी करवाई तो वे संतान का सुख नहीं पा सके। एक बच्ची को गोद लिया, लेकिन नौकरी नहीं मिली।
जब परिवार का खर्च बढ़ा, तो उन्होंने अपराध की राह अपनाई और चोर गिरोह बना दिया। यह घटना पंजाब के लुधियाना जिले में हुई है।गिरोह के तीन सदस्य मंडी गोबिंदगढ़ के निवासी हैं।
Crime Alert: बाईक चोर गिरोह का भांडाफोड़! गिरोह के सरगना सहित 4 गिरफ्तार, हिमाचल के युवक ने नौकरी न मिलने पर बनाया गिरोह
Crime Alert: खन्ना पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने चार युवकों को छह चुराई गई बाइकें साथ में गिरफ्तार किया है। आरोपी सुखविंदर सिंह सोनी, मनदीप सिंह गोगी, जाकिर हुसैन मोनी, सभी मंडी गोबिंदगढ़ के निवासी हैं और सुरेश कुमार जिम्मी, गुरु नानक कॉलोनी, लाडपुर का निवासी है।
इन्हें मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया। DSP करनैल सिंह के अनुसार, SHO कुलजिंदर सिंह की निगरानी में ASI जरनैल सिंह की टीम ने अमलोह चौक पर नाकाबंदी की थी।
सोनी, गोगी और मोनी को मुखबिर की सूचना पर बाइक चुराते हुए गिरफ्तार किया गया। इन्होंने पूछताछ में बताया कि इस गिरोह का मुख्य सदस्य सुरेश कुमार जिम्मी है, जो मूलतः हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले का रहने वाला है।
जिम्मी ने हिमाचल से आकर मंडी गोबिंदगढ़ के गांव लाडपुर की गुरु नानक कॉलोनी में रहना शुरू किया, जहां उसने बाइक चोरों से संपर्क किया।
उन्होंने तीनों आरोपियों को अपने साथ मिला दिया। उन तीनों ने बाइकें चुराईं, जिम्मी ने उन्हें कम दाम पर खरीदा और फिर उच्च मूल्य पर बेचा। इस तरह जिम्मी ने चोर गिरोह का नेतृत्व किया।
इन आरोपियों ने मास्टर की चाबी का इस्तेमाल करके हीरो सप्लेंडर बाइकें चुराईं, जिन्हें वे दो
मिनट में ही गायब कर देते थे, और इसके बाद वे उन बाइकों को चुपचाप एक गुप्त स्थान पर छिपा देते थे। उनका मानना था कि इससे उन्हें पुलिस से बचने में आसानी होती है।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि वे सिर्फ उन हीरो सप्लेंडर बाइकों को चुराते जिनका रंग काला या ग्रे हो, जिससे उन्हें बाइकों को बेचने में आसानी होती।
वे चुराए गए बाइकों के पंजीकरण पत्र, चाबी और नंबर प्लेट बदल देते थे ताकि उन्हें पहचानना मुश्किल हो। जब बाइक पूरी तरह से बदल चुकी होती, तो वे उसे नई बाइक के रूप में बेच देते।
इस प्रकार, उन्होंने अपनी गिरोह का संचालन करके अपराध की दुनिया में अपनी एक पहचान बना ली थी। हालांकि, उनके अपराधिक क्रियाकलापों का अंत तब हुआ, जब पुलिस ने उन्हें मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया।
मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया। पुलिस की टीम ने धीरज से और ध्यान से इन चोरों की गतिविधियों को निगरानी की और उनके पकड़ने के लिए एक कार्ययोजना बनाई।
पुलिस की टीम ने इन चोरों के निवास स्थल को घेर लिया और एक अचानक छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय, पुलिस ने उनसे कई चुराई गई बाइकें और अन्य सबूत बरामद किए।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी युवकों की पूछताछ की गई, जिसमें उन्होंने अपने अपराधों को मानते हुए कहा कि उन्होंने नौकरी की कमी, पैसों की कमी और बढ़ते परिवार के बोझ के कारण यह रास्ता अपनाया।
पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ धाराएं दर्ज कीं और कोर्ट में पेश किया। पुलिस आगे की जांच जारी रख रही है और इस गिरोह के अन्य सदस्यों की खोज कर रही है। यह मामला अब कोर्ट में चल रहा है और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।