

Crypto Currency Investment पर सोच रहे हैं ? बजट 2022 आने दें…
यह बात तो सर्वविदित है कि क्रिप्टोकरंसी में लगातार निवेश बढ़ता जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार भारत में से 45000 करोड से भी ज्यादा का निवेश अब तक क्रिप्टोकरंसी में किया जा चुका है। साथ ही, लगभग ढेड से दो करोड़ लोगों ने क्रिप्टो में निवेश किया हुआ है यह संख्या दुनिया भर में सबसे अधिक मानी जाती है। बाजार की भाषा में समझाए तो लोग इस सेक्टर को लेकर काफी बुलिश है।

विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2032 तक हमारी अर्थव्यवस्था में डिजिटल असेट का योगदान 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक का होगा।
बीते वर्ष 2020 में, कई उद्योगों मे गिरावट देखी गई थी लेकिन वही क्रिप्टो इंडस्ट्री ने हजारों नौकरियां पैदा की। इस सब के बाद भी क्रिप्टो के रेगुलेशन को लेकर अभी तक नियम साफ नहीं है। साथ ही, मीडिया में क्रिप्टो को लेकर बेैन की खबरें आती रहती है| लेकिन इतनी बड़ी संख्या में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश होने के बाद सरकार भी शायद ही इस पर रोक लगाए।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बिल प्रस्तावित है जिसमें शायद संभावना है कि सेबी को क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी जाए। साथ ही, इसके कुछ पहलूओ पर रिजर्व बैंक को नजर रखने का जिम्मा दिया जाए। संभावना है कि इसमें लोगों को वही अनुमति दी जाए जैसे सामान्य लोग शेयर मार्केट में निवेश करते है।
यदि यह हो गया तो क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में एक स्थिरता आने की संभावना होगी। साथ ही, बजट में यह भी साफ होने की संभावना है कि प्रॉफिट पर किस प्रकार टैक्स लगेगा।


राजस्व सचिव तरुण बजाज बता चुके हैं कि कई लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी पर होने वाली आय पर कैपिटल गेन टैक्स दे रहे हैं। बिल में स्पष्ट हो सकता कि एक्सचेंज का क्या रोल होगा, टोकन जारी करने वाले और वॉलेट जारी करने वाले क्या भूमिका निभाएंगे।

पिछले कुछ वर्षों से सरकार की चिंता यह रही है कि क्रिप्टो का उपयोग देश के खिलाफ कुछ चीजों में किया जा सकता है। बजट में इस बात पर भी चर्चा हो सकती हैं कि निवेशकों का वेरिफिकेशन कैसे और किस प्रकार किया जाए। ऑपरेटर निवेश कों रिपोर्ट कैसे करें और सौदो को ऑडिट का क्या तरीका अपनाया जाए यह सब भी तय हो सकता है।
हाल ही में, एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक क्रिप्टोकरेंसी पर काफी विचार किया गया है। IMF की चीफ इकोनॉमिक्स इकॉनमिस्ट गीता गोपीनाथ ने भी सरकार से बातचीत की है। गोपीनाथ में भी इसमें सरकार को सकारात्मक पहल करने को कहा उन्होंने कहा कि सरकार को क्रिप्टो पर प्रतिबंध लगाने की बजाय रेगुलेट करना चाहिए।
संभावना है कि सरकार क्रिप्टो को असेट के रूप में मान्यता प्रदान करके इसे टैक्स के दायरे में ला सकती है। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण भी बता चुकी है कि इस पर रोक नहीं लगाई जाएगी बल्कि इसे रेगुलेट किया जाएगा।
राजस्व सचिव ने भी कहा था कि सरकार क्रिप्टो को टैक्स के दायरे में लाना चाहती है क्योंकि जब लोग इससे कमाई कर रहे हैं तो उनसे इस पर टैक्स लिया जाना चाहिए।
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