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Dark Horse Book pdf in Hindi | डार्क हॉर्स बुक PDF in हिंदी

Dark Horse Book pdf in Hindi | डार्क हॉर्स बुक PDF in हिंदी
Dark Horse Book pdf in Hindi | डार्क हॉर्स बुक PDF in हिंदी

Dark Horse Book pdf in Hindi | डार्क हॉर्स बुक PDF in हिंदी

नमस्कार दोस्तों, आपके पसंदीदा न्यूज़ घाट में आपका स्वागत है आशा करते हैं कि आप हमेशा की तरह स्वस्थ और मस्त होंगे| आज हम बात करने वाले ही एक बहुत ही प्रसिद्ध किताब के बारे में जिसका नाम है ‘Dark Horse Book pdf in Hindi’

यह बुक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए बहुत ही फायदेमंद और मोटिवेशन देने वाली हो सकती है| यह किताब बहुत ही शानदार मोटिवेशन प्रदान करने वाली है| इसलिए यदि आपको इस किताब को पढ़ना है तो आप इसकी फ्री पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकेंगे जिसका लिंक हम नीचे दे रहे हैं|

Dark Horse Book pdf in Hindi
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आप इस किताब का नाम देखकर हक्के बक्के अवश्य हो रहे होंगे क्योंकि इसमें डार्क हॉर्स का क्या मतलब होगा तो आपको हम इसके कुछ अंश साझा करेंगे जिसके अंदर आपको डार्क हो उसका मतलब भी पता चल जाएगा।

यह किताब नॉवेल विधा यानी उपन्यास मे लिखी गई है। जब आप इस किताब को पढ़ रहे होंगे तो आप बिल्कुल इस किताब में खो जाएंगे क्योंकि इसके सभी चरित्र बिल्कुल जीवंत प्रकार के लगते हैं।

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इसमें एक संतोष नाम का लड़का रहता है जो बहुत ही गरीब रहता है तो संतोष का ग्रेजुएशन जैसे ही खत्म हुआ तो उसने UPSC परीक्षा की तैयारी का फैसला किया। क्योंकि संतोष का बैकग्राउंड ऐसा था जहां कहा जाता था कि आप डॉक्टर, इंजीनियर बन कर ही अपना भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

लेकिन आपको अपने साथ-साथ अपने आने वाली पीढ़ियों का भी भविष्य बनाना है तो आपको एक आईएएस ऑफिसर बनना पड़ेगा जोकि यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से संभव है, और इसी सोच के साथ संतोष तैयारी में जुट जाता है। इस कहानी को नीचे हम थोड़ा विस्तार से जानेंगे।

ताकि आप समझ पाए कि इस किताब के अंदर वास्तविकता में क्या है यदि आपको यह बुक अच्छी लगे तो आप इसे अमेजन के माध्यम से खरीद कर भी पढ़ सकते हैं जो कि आपको अभूतपूर्व अभिप्रेरणा प्रदान करेगी, और कहा जाता है मोटिवेशन से बड़े से बड़ा काम करना संभव है।

Dark Horse Book के लेखक कौन है?

डार्क हॉर्स पुस्तक के नीलोत्पल मृणाल जी द्वारा लिखी गई है।

Dark Horse Book Download PDF

तो आइए इस बुक के अंदर के कुछ आंसुओं को जानते हैं जिससे आपको पता चल सकेगा कि इसके अंदर आखिर है क्या ?

हमने आपको ऊपर थोड़ा सा परिचय दे दिया था कि इसमें एक संतोष नाम का चरित्र रहता है जोकि आईएएस बनने के लिए तैयारी करता है। आईएएस बनने के लिए वहां यूपीएससी की तैयारी करने दिल्ली के मुखर्जी नगर जिसे यूपीएससी परीक्षा के विद्यार्थी यूपीएससी परीक्षा का मक्का कहते हैं।

दिल्ली के इस मुखर्जी नगर में हर वर्ष लाखों विद्यार्थी आईएएस बनने का सपना लेकर वहां जाते हैं| और वही दो-तीन साल तैयारी करने रुक जाते हैं तो संतोष भी आंखों में आईएएस का सपना लिए अपने गांव से चला| अब वह अपने गांव से तो चल पड़ा था लेकिन उस वह दिल्ली के माहौल से परिचित नहीं था| दिल्ली पहुंचकर संतोष को कैसा महसूस हुआ| दिल्ली में उसे किस प्रकार के और कैसे-कैसे लोग मिले? मुखर्जी नगर जहां आईएएस की तैयारी होती है वहां लाखों विद्यार्थी परीक्षा देते हैं लेकिन उनमें से कुछ गिने-चुने ही सेलेक्ट हो पाते हैं और बाकी के अधिकांश विद्यार्थी असफल हो जाते हैं| ऐसे में क्या संतोष अपना सपना पूरा करने में सफल हो पाया|

नीलोत्पल मृणाल जी की बुक में एक ऐसी विद्यार्थी की कहानी है जो अपने गांव से एक सपने को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़े शहर में आया है| तो उसे एक कोचिंग के स्थान के पास रहना पड़ता है| इसमें चरित्र आईएएस बनने का सपना है इसलिए मुखर्जी नगर में इस उपन्यास को रचा गया है|

संतोष आईएएस की तैयारी करने के लिए जब मुखर्जी नगर आता है तो संतोष यहां की व्यवस्था, लोग, और चीजों को देखकर असमंजस में पड़ जाता है| और वह आश्चर्यचकित इस बात से होता है कि जब उसे बताया जाता है कि गांव से जुड़ी लगभग सभी चीजों को पिछड़ेपन की एक निशानी के तौर पर माना जाता है इसमें चाहे गांव के लोग हो या गांव की बोली सभी चीजों को| ऐसी अवधारणाएं अक्सर आपको शहर में अवश्य देखने को मिलती है|

नीलोत्पल मृणाल जी की किताब के मुख्य चरित्र का एक कथन बहुत सारे छात्रों की संवेदना व्यक्त करता है चरित्र कहता है

‘जेतना दिन में लोग MA, Phd करेगा, हौंक के पढ़ दिया तो ओतना दिन में तो आईएसे बन जाएगा।’

इस किताब को पढ़ते हुए आपको ऐसा लगेगा नीलोत्पल जी ने हमें दिल्ली के मुखर्जी नगर की इमारत के सबसे ऊपर बैठा दिया है जहां से हम सभी चरित्रों को आते-जाते, उठते-बैठते, पढ़ते- लिखते, खाते-पीते देख रहे होते हैं|

इस किताब अर्थात उपन्यास की सबसे खास बात यह है कि लेखक ने किन्हीं भी चरित्रों की आवाज पर प्रतिबंध नहीं लगाया है| अर्थात चरित्रों के मन में जब जो शब्द आया वह बोल दिया जैसे किसी चरित्र को गाली देनी हो तो उसने गाली दी| लेखक ने भी उसे ठीक उसी प्रकार लिख दिया जिस प्रकार चरित्र ने बोला है|

नीलोत्पल मृणाल जी स्वयं कहते हैं कि उन्होंने इस उपन्यास अर्थात इस किताब के रूप में कोई साहित्य नहीं रचा है बल्कि उन्होंने जो देखा है सुना है उसे ही अक्षरों, शब्दों और वाक्यों में पिरोकर एक कहानी कह डाली है।

हमें उम्मीद है दोस्तों आपके दिमाग में उठ रहे सभी प्रश्नों का उत्तर आपको यह आर्टिकल पढ़ने के बाद मिल गए होंगे और इस Dark Horse Book pdf in Hindi के बारे में जानकर मजा अवश्य आया होगा| यदि आपको लगता है कि किसी मित्र या संबंधी को इस जानकारी की आवश्यकता है तो उन्हें जरुर साझा करें|

यदि आपके मन में आर्टिकल से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं ताकि हमें आपके विचारों से कुछ सीखने का अवसर मिले|

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Written by newsghat

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