Demat account alert: डीमैट अकाउंट होल्डर्स हो जाएं सावधान, अगर नहीं किया ये काम तो भुगतना पड़ेगा भारी नुकसान
आज के समय में यदि आप शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं तथा शेयरों में निवेश करते हैं तब आपके पास आवश्यक रुप से डीमैट अकाउंट होगा, वर्तमान समय में डीमैट अकाउंट के बिना शेयर बाजार में ट्रांजैक्शन नहीं की जा सकता है, पर 1 अक्टूबर से डीमैट अकाउंट (Demat Account) के टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (two-factor authentication) अनिवार्य कर दिया जाएगा।
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन क्यों जरूरी है :
आपके जानकारी के लिए बता दें कि टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन, नॉलेज फैक्टर के साथ बायोमैट्रिक का उपयोग करके करा सकते हैं, तथा मार्केट रेगुलेटर सेबी के 3 दिसंबर 2018 के सर्कुलर की ओर मेंबर्स का ध्यान खींचते हुए, पहले ही यह बताया गया कि ये सर्कुलर स्टॉकब्रोकर्स के लिए साइबर सिक्योरिटी तथा साइबर रेजीलेंस फ्रेमवर्क पर है। ऐसे में आप किसी तरह से फ्रॉड से बच सकते हैं।
आपको बता दे कि इस सर्कुलर के मुताबिक सभी डीमैट खाताधारकों को टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए अनिवार्य तौर पर कहा गया है, वह इंटरनेट बेस्ड ट्रेडिंग तथा वायरलेस टेक्नोलॉजी के जरिए होने वाली ट्रांजैक्शन के लिए मुख्य तौर पर कहा गया है।
क्या है टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन :
आपको बता दे की सेबी तथा एक्सचेंज के ज्वाइंट कंसल्टेशन के मुताबिक, यूजर को यह साफ किया गया कि यूजर आईडी के अतिरिक्त वन फैक्टर ऑथेंटिकेशन के तौर पर यूजर्स बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन का उपयोग कर सकते हैं तथा सेकंड फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए इन फैक्टर्स का उपयोग आज के समय में कर सकते हैं।
• नॉलेज फैक्टर (पासवर्ड, पिन)
• पोजेशन फैक्टर (ओटीपी, सिक्योरिटी टोकन, ऑथेंटिकेटर ऐप)
बायोमैट्रिक ना होने पर करें यह काम :
सेबी के नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया है कि यदि किसी जगह पर बायोमैट्रिक नहीं हो पा रहा है तब यूजर्स नॉलेज फैक्टर तथा पोजेशन फैक्टर दोनों का उपयोग कर सकता है तथा इसके साथ ही सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि क्लाइंट की ओर से इंटरनेट बेस्ड ट्रेडिंग तथा वायरलेस टेक्नोलॉजी के जरिए हर लॉगिन सेशन पर यह टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन करना जरूरी है, क्योंकि आज के समय में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन नही होता है तब फ्रॉड की संभावना बढ़ जाता है।
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन कैसे एनेबल करें :
आज के समय में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन के लिए खाताधारक को पहले TOTP (टाइम बेस्ड वन टाइम पासवर्ड) जनरेट करना होता है और यह अलग तरह का ओटीपी होता है, जो टीओटीपी ऐप के जरिए जनरेट होता है, और यह टीओटीपी सिर्फ 30 सेकंड के लिए वैलिड होता है तथा हर 30 सेकंड में रीजनरेट होता है, इस तरह से आप वेरिफाई कर सकते है।
नहीं होगा पासवर्ड :
एनएसई (NSE) ने अपने सर्कुलर में कहा कि यदि किसी वजह से बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव न हो, तब यूजर्स को नॉलेज फैक्टर का उपयोग करना होगा, तथा जिसमें पासवर्ड/पिन, पजेशन फैक्टर तथा यूजर आईडी आदि हो सकता है, इसका उपयोग टू-फेस ऑथेंटिकेशन के तौर पर करना चाहिए है, इसके साथ ही एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादातर स्टॉक ब्रोकर्स सेकेंड ऑथेंटिकेशन फैक्टर का उपयोग कर रहे हैं और इसमें पासवर्ड शामिल नहीं है।
हो सकता है ये नुकसान…
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की ओर से जून में इश्यू किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, अपने डीमैट खाते को चालू रखने के लिए 30 सितंबर से पहले निवेशकों को अपने खाते का टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर करना होगा।
यदि कोई 30 सिंतबर से पहले अपना डीमैट अकाउंट का टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन नहीं कराता है तब उसका अकाउंट लॉक कर दिया जाएगा, ऐसे में आप समय रहते टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन करा ले।
30 सितंबर है लास्ट डेट :
इस बारे में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के 2018 के सर्कुलर का हवाला दिया है, और इस सर्कुलर में ऑथेंटिकेशन फैक्टर्स के बारे में इस तरह का अंतर है, इसलिए एनएसई ने लॉग इन के लिए 30 सितंबर से टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को जरूरी बना दिया है, और आज के समय में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन कराना बहुत ही जरूरी है।