Electric Vehicles in Himachal: अब हर गली में होंगे ई-चार्जिंग स्टेशन! क्या है सुक्खू सरकार की नई क्रांतिकारी योजना? यहां देखें पूरी रिर्पोट
Electric Vehicles in Himachal: हिमाचल प्रदेश में अब ई-वाहनों का दौर नया मोड़ लेने जा रहा है। सरकार ने ई-वाहनों की खरीद पर आकर्षक अनुदान की घोषणा की है, जिससे इन वाहनों की खरीदारी और उपयोग में तेजी आएगी।
Electric Vehicles in Himachal: अब हर गली में होंगे ई-चार्जिंग स्टेशन! क्या है सुक्खू सरकार की नई क्रांतिकारी योजना? यहां देखें पूरी रिर्पोट
इसके तहत, सरकारी विभागों, बोर्डों, और निगमों में ई-वाहनों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, ई-टैक्सियाँ भी चार साल की शुरुआती अवधि के लिए किराए पर उपलब्ध होंगी। इस पहल से बेरोजगारों को भी रोजगार मिलने की उम्मीद है।
विशेष रूप से बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विभाग अपनी ई-वाहन मांग सबमिट कर सकेंगे।
विभिन्न श्रेणियों में विभिन्न प्रकार के ई-वाहनों की खरीद की जा सकेगी, जैसे कि सिडान कार, मिड-रेंज एसयूवी, लंबी दूरी की एसयूवी, प्रीमियम एसयूवी या एमयूवी, और लग्जरी वाहन। इन वाहनों की न्यूनतम रेंज और मासिक आधार पर तय दूरी के लिए भी मानक निर्धारित किए गए हैं।
इस पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है ई-टैक्सियों के लिए चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना। हर विभाग या संस्थान को अपने ई-वाहन की चार्जिंग की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अपने परिसर में इलेक्ट्रिक चार्जर स्थापित करना होगा।
यदि किसी विभाग में इसके लिए उपयुक्त आधारभूत ढांचा नहीं है, तो उन्हें बाहरी चार्जिंग स्टेशनों के साथ समझौते करने होंगे। इससे ई-वाहनों की चार्जिंग की उपलब्धता और सुविधा में बढ़ोतरी होगी।
साथ ही, परिवहन विभाग आवेदकों और खरीदारों को ई-वाहनों के फायदे और नवीनतम तकनीकों के बारे में जागरूक करेगा। इसके लिए आरटीओ स्तर पर जागरूकता शिविर, कार्यशालाएं, और ई-वाहन डेमो का आयोजन किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत, ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। इससे युवाओं को रोजगार और स्टार्ट-अप सहायता के अवसर मिलेंगे।
सब्सिडी की गणना वाहन की एक्स-शो रूम कीमत पर की जाएगी। आवेदकों को परिवहन विभाग के पोर्टल पर खाता बनाना होगा, जिसे आधार या मोबाइल ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस पहल से न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि हमारे प्रदेश को हरित और स्वच्छ राज्य बनाने में भी सहायता मिलेगी।
यह राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान होगा, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं के लिए स्वरोजगार और स्टार्ट-अप के नए अवसर भी खोलेगा।
सरकार इस दिशा में युवाओं को प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान करके एक हरित और स्वच्छ परिवहन प्रणाली की ओर अग्रसर हो रही है।
इस योजना के माध्यम से, प्रदेश में ई-वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देकर ऊर्जा दक्षता में सुधार और पर्यावरणीय प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है।
इस तरह, यह योजना न केवल आर्थिक विकास का एक साधन है, बल्कि यह हमारे प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस प्रकार, यह योजना प्रदेश के विकास की दिशा में एक सशक्त और स्थायी पहल है।