

Global And Gold ETF Risk: क्यों Global Gold ETF निवेश में ‘प्रीमियम’ बन सकता है आपके लिए जंजाल! यहां जाने
Global And Gold ETF Risk: आजकल निवेश केवल भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है बल्कि अब निवेशक ग्लोबल फंड्स और गोल्ड ETF में निवेश कर रहे हैं। हालांकि गोल्ड ETF के पीछे निवेशकों में भारी उत्साह भी देखा जा रहा है।

Global And Gold ETF Risk: क्यों Global Gold ETF निवेश में ‘प्रीमियम’ बन सकता है आपके लिए जंजाल! यहां जाने
परंतु क्या आप जानते हैं कि इस निवेश के पीछे जितना उत्साह छिपा है उतना जोखिम भी है? क्योंकि ग्लोबल फंड और ETF में प्रीमियम के कारण फंड फंस सकता है। जी हां, यह निवेश उतना आसान और सुरक्षित नहीं है जितना दिखाई देता है। क्योंकि इसमें दुनिया के बड़े स्टॉक शामिल हैं जिसकी वजह से असाधारण रिटर्न तो मिलता ही है परंतु इसमे प्रीमियम का जोखिम भी छुपा हुआ है।
चलिए सबसे पहले जानते हैं ETF और प्रीमियम आखिर है क्या?
एक्सचेंज रेट फंड एक ऐसा फंड होता है जो इंडेक्स शेयर और अन्य एसेट का बंडल बनाकर एक्सचेंज पर ट्रेड करता है। ETF अपनी नेट ऐसेट वैल्यू NAV पर ट्रेड करता है, लेकिन ETF की मार्केट प्राइस NAV से ऊपर और नीचे हो सकती है।

यदि इसकी मार्केट प्राइस NAV से ज्यादा हो जाती है तो यह प्रीमियम कहलाता है। ग्लोबल ETF में प्रीमियम 8% से 21% भी जाता है। मतलब यह सीधे तौर पर आपके लिए फायदेमंद स्थिति होती है। परंतु यह प्रीमियम कई बार घट भी जाता है जो सीधे तौर पर रिटर्न को प्रभावित करता है।
ग्लोबल और ETF फंड में पैसा कहां फंस सकता है?


● ग्लोबल और ETF फंड में जब आप विदेशी स्टॉक में निवेश करते हैं तो प्रीमियम अधिक होने पर ज्यादा कीमत चुका देते हैं और जब प्रीमियम घट जाता है तो NAV के हिसाब से मूल्यांकन होने लगता है जिसकी वजह से निवेशक को वास्तविक रूप से नुकसान हो जाता है।
● इस गोल्ड ईटीएफ में भी बाजार की मांग और आपूर्ति के आधार पर प्रीमियम तय होता है। यदि अधिक प्रीमियम पर गोल्ड खरीदा गया तो पैसा फंस जाता है।
● इसके साथ ही इसमें सबसे बड़ी परेशानी होती है लिक्विडिटी की क्योंकि, ETF में नए यूनिट क्रिएट नहीं हो पाते और मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होने की वजह से निवेश फंसने की संभावना बढ़ जाती है।

आइये इसे उदाहरण से समझते हैं
उदाहरण के लिए यदि आपने ₹100 का ETF खरीदा जबकि उसकी NAV सिर्फ ₹90 है तो आपने ₹10 ज्यादा दिए हैं। मतलब ₹10 प्रीमियम दिया है। यदि बाद में यह प्रीमियम 0 हो जाता है इसका मतलब आप ₹10 भुगतान के रूप में नहीं पाते जो कि आपके लिए घाटे का सौदा होता है। इस स्तिथि में अंडरलाइंग स्टॉक यदि अच्छा प्रदर्शन भी करें तभी आपका वास्तविक लाभ कम होगा।
ग्लोबल और ETF फंड में निवेश करने से पहले रखी जाने वाली सावधानी
● ग्लोबल और ETF निवेश करना चाहते हैं तो सबसे पहले ETF के वास्तविक NAV और मार्केट प्राइस की तुलना करें।
● हमेशा ज्यादा प्रीमियम से बचें क्योंकि यदि प्रीमियम 10%- 15% अधिक है तो इसमें घाटा होने के चांसेस ज्यादा होते हैं।
● बाजार की स्थिति और प्रीमियम का आंकलन कर ही निवेश आरंभ करें।
● निवेश करने से पहले अंतरराष्ट्रीय स्टॉक और भारत की मार्केट की स्थिति का आंकलन करें और निवेश के लिए सही कदम उठाएं।
● कभी भी निवेश सामाजिक ट्रेंड या FOMO के चलते ना करें क्योंकि यहां नुकसान हुआ तो केवल आपका होगा।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर ग्लोबल ETF निवेश बेहद ही आकर्षक अवसर जरूर है परंतु इसके उच्च प्रीमियम में जोखिम हमेशा छिपा होता है। ऐसे में लंबी अवधि के लिए निवेश करने से पहले NAV की तुलना और मार्केट रिसर्च जरूर करें।

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