

Gold And Silver ETF Crash: गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश से पहले पढ़ ले यह खबर! कहीं हो न जाए घाटा…
Gold And Silver ETF Crash: पिछले कुछ समय में सोना-चांदी जो निवेश की सबसे सुरक्षित पहचान माने जाते हैं इसने निवेशकों को चौंका दिया है। कुछ समय पहले जहां सोने और चांदी में तेज उछाल देखा गया वहीं पिछले एक हफ्ते में सोने-चांदी में तेजी से होती गिरावट ने बाजार को हिला दिया है।

Gold And Silver ETF Crash: गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेश से पहले पढ़ ले यह खबर! कहीं हो न जाए घाटा…
चांदी के ETF में लगभग 9% तक गिरावट देखी जा रही है। हालांकि यह एसेट अनिश्चितता के समय में काफी लाभकारी सिद्ध होते हैं परंतु इस बार प्रीमियम को छूने के बाद यह एसेट टूटते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में निवेशकों के दिमाग में एक ही सवाल आ रहा है की गिरती हुई कीमत के दौरान इन्हें खरीद लिया जाए या यह किसी बड़े जोखिम की तरफ इशारा है?
बता दे बाजार में डॉलर की मजबूती, ब्याज दरों की सख्त नीति और भारत में मुनाफा वसूली के दौर ने मिलकर चांदी और सोने की चमक को फीका कर दिया है। हालांकि जब-जब चांदी सोना कमजोर पड़े हैं उसके बाद उन्होंने गजब का उछाल भी दिखाया है।

इस पूरी रणनीति में यह समझना जरूरी है कि मौजूदा गिरावट खतरा है या निवेश का बेहतरीन मौका? क्योंकि गिरे हुए दामों में निवेश करना निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है और इसी के चलते आज हम आपको विशेषज्ञों की राय और बाजार का तर्क समझाने वाले हैं।
आइये सबसे पहले समझते हैं कि सोने-चांदी के ETF में गिरावट क्यों हो रही है?


● एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में फिलहाल सोने-चांदी में भारी गिरावट देखी जा रही है जिसका मुख्य कारण है अर्थव्यवस्था में बदलाव, अमेरिका चीन व्यापार के तनाव में अब नरमी आने लगी है जिससे सोने की मांग कमजोर हुई है।
● इसी के साथ ही अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को लेकर कटौती दिखाई है जिसकी वजह से कीमती धातुओं की कीमत में गिरावट आ रही है।
● हालांकि हो सकता है कि आगे चलकर इस मांग में और गिरावट आये।
● वहीं दूसरी ओर ग्लोबल मार्केट में अमेरिकी डॉलर मजबूत होता जा रहा है जिसकी वजह से निवेशक सोने चांदी में निवेश करने से पीछे हट रहे हैं।
● साथ ही सोने की बढ़ती कीमतों के चलते कई निवेशकों ने काफी फायदा लूट लिया है जिसके चलते मुनाफा वसूली पूरी हो चुकी है।
● अन्य कारण है भारत में फिजिकल चांदी की कमी होना जिसकी वजह से यह बुलबुला सिकुड़ने लगा है।

क्या है इस प्रक्रिया में विशेषज्ञ की सलाह
● बता दे इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फिलहाल अपने पोर्टफोलियो को स्थिर रखें। मुनाफा कमाने के लिए फिलहाल जल्दबाजी न मचाएं।
● यह गिरावट फिलहाल वेट एंड वॉच का संकेत है क्योंकि आने वाले समय में और ज्यादा गिरावट हो सकती है और जब तक मूल्य स्थिर न हो जाए तब तक आगे का निवेश न करें।
● हालांकि यदि आप फिर भी कीमती धातुओं में निवेश करना चाहते हैं तो SIP बेहतरीन तरीका है, जहां एकमुश्त निवेश की जगह धीरे-धीरे छोटे हिस्सों में निवेश किया जा सकता है।
● वहीं कुछ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि अपने निवेश पोर्टफोलियो में 10% का निवेश धातुओं में करें ताकि जोखिम से बचा जा सके और रिटर्न भी सुनिश्चित हो।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर यदि आप ऐसे निवेशक है जो जोखिम सहन कर सकते हैं, दीर्घकाली निवेश करना चाहते हैं तो यह SIP एक स्वर्णिम अवसर हो सकता है। जहां आप SIP के जरिए प्रवेश कर रिटर्न के अवसर ले सकते हैं परंतु हमेशा पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए और रणनीति बनाकर ही निवेश शुरू करें।
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