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Good Habits : अगर अपने बच्चों को बनाना चाहते है स्मार्ट और एक्टिव, तो सिखाएं ये पांच आदतें..…

Good Habits : अगर अपने बच्चों को बनाना चाहते है स्मार्ट और एक्टिव, तो सिखाएं ये पांच आदतें..…

Good Habits : अगर अपने बच्चों को बनाना चाहते है स्मार्ट और एक्टिव, तो सिखाएं ये पांच आदतें..…

अपने बच्चों को अच्छी आदतें सीखना पेरेंट्स की पहली और प्रमुख जिम्मेदारी होती है क्योंकि पेरेंट्स अपने बच्चों के पहले टीचर और दोस्त होते है ऐसे में जैसा मां बाप सिखाते है आपका बच्चा आगे तक उसे जहन में लेकर चलता है या यूं कह लीजिए की आपके बच्चे के भविष्य की नींव खुद माता पिता रखते हैं।

सोशल स्किल जिंदगी में हर इंसान के लिए हर एक कदम पर बहुत जरूरी माना गया है चाहे वो नौकरी के तौर पर हो या परिवार के या फिर दोस्ती क कम उम्र में ही अगर बच्‍चे इस चीज को सीख जाएंगे, तो इसका फायदा उन्‍हें आगे चलकर भी होगा।

5 जरूरी सोशल स्किल्‍स हैं, तो हर पैरेंट्स को अपने बच्‍चे को सिखाने चाहिए।

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शेयरिंग

शेयरिंग ही केयरिंग है यह तो आप सभी जानते है लेकिन यदि आपका बच्चा छोटे से ही शेयरिंग करना सिखाता है तो आपका बच्चा समझौता करना सिखाता है और साथ ही निष्पक्ष रहना भी, इससे आपके बच्चे को यह सीखने में मदद मिलेगी की यधि आप किसी के लिए कुछ करते हो तो सामने वाला भी आपके लिए सोचेगा।

उम्र के हिसाब से शेयरिंग

तीन और छह साल के बच्‍चे थोड़े स्‍वार्थी तथा जिद्दी किस्म के होते हैं जो अपनी चीज किसी को देना पसंद नहीं करते वहीं दूसरी और सात या आठ साल के बच्‍चे दूसरों के साथ शेयर करते हैं और निष्पक्ष रहते हैं।

​सहयोग करना

सहयोग की भावना एक ऐसा हतियार है जिससे आपको बड़ी से बड़ी मुश्किल में भी एक दूसरे को मदद करने की एक निस्वार्थ इच्छा बढ़ती है ऐसे में विचार और भावनाओं को समझने का भी मौका मिलता है।

​दूसरों की बात सुनना

बच्‍चों तो बच्चें बल्कि कई बड़े लोग भी एक दूसरे की बात सुनने का सोशल स्किल नहीं रखते।सुनने का ये मतलब नहीं है कि दूसरे के बोलने पर आपको चुप रहना है बल्कि आपको उनकी बात सोचनी और समझनी है।तो हमेशा सामने वाले की बात सुननी और समझनी सिखाएं।

​पर्सनल स्‍पेस दें

हर रिश्‍ते की कुछ शारीरिक और भावनात्‍मक सीमाएं होती हैं और हर इंसान के लिए इसका मतलब अलग हो सकता है जिसको हम एक्सेप्ट करना चाहिए हर किसी का अपना पर्सनल स्पेस होता है जिस्मे दखल नहीं देना चाहिए। अपने बच्चो को अपनी एक सीमा कायम करने को कहें।

​अच्‍छी आदतें

आपके बच्चे को कब थैंक्‍यू बोलना है, कब सॉरी, आपको ये बस अपने बच्‍चे को सिखाना होगा। आपका बच्चा स्कूल में तो यह चीज सीखता ही है साथ में घर पर भी ऐसे अच्छे स्किल्स डालने की कोशिश करें।

 

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Written by Newsghat Desk

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