Good Parenting Skills: यह स्किल्स एक अच्छे माता-पिता में अवश्य होने चाहिए, तभी आपका बच्चा भी बनेगा बेहतरीन व्यक्तित्व
Good Parenting Skills: आज के युग में बच्चे की परवरिश करना एक बहुत ही शुरु चुनौतीपूर्ण काम है बच्चे में अच्छी परवरिश उसके आने वाले समय में उसके गुणों में गिनी जाती है।
आपका बच्चा अच्छा व्यक्ति बने ऐसा हर एक माता पिता का सपना होता है पर याद रहे आपका बच्चा वही करेगा, वही कहेगा, वही सुनेगा जो आप उसे सिखा या बता रहे हैं।
किसी भी माता पिता को अपने बच्चे में अच्छे गुण लाने के लिए एक अच्छा तरीका जरूर आना चाहिए। आइए यह जाने कि पेरेंट्स की वह क्या योग्यता है जिनके कारण उनके बच्चे ऐसी अच्छी चीजों को कितना जल्दी सीखते हैं और अच्छा इंसान बनते हैं।
तो आइए जानते हैं एक बच्चे के बेहतर विकास के लिए माता-पिता में वह कौन से 6 स्किल्स जरूर होने चाहिए ?
Good Parenting Skills: पैरेंटिंग स्किल क्या होती हैं
पैरेंटिंग स्किल एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें बच्चे के बचपन से लेकर बड़े होने तक की शारीरिक भावनात्मक सामाजिक एवं बौद्धिक विकास करने पर जोर दिया जाता है ऐसे में मां-बाप इस प्रक्रिया की प्रथम सीढ़ी है।
पालन-पोषण करने की स्मार्ट टिप्स –
एक अच्छी पेरेंटिंग स्टार्ट करने से पहले माता-पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि आपको अपने बच्चे को छोटेपन से ही सब कुछ सिखाना है ना कि आपको अपने बच्चे को 4 से 5 साल का होने तक का इंतजार करना है क्योंकि ऐसे में आपका बच्चा बहुत सी चीज है आपसे आस-पड़ोस से सीख चुका होता है और फिर उनमें बदलाव करना बहुत मुश्किल होता है।
एक बेहतर मां बाप का तो यह कार्य उस समय से ही शुरू हो जाता है जब शिशु उनके गर्भ में पल रहा होता है, ऐसे में मां की जिम्मेदारियां ज्यादा बढ़ जाती है। मां को सकारात्मक सोच के साथ अपने शारीरिक विकास के लिए खानपान जैसी चीजों पर भी ध्यान देना पड़ता है क्योंकि तभी बच्चे का पूर्णता विकास होता है।
अपने बच्चे को सुने ….
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में माता-पिता इतने व्यस्त हो चुके हैं कि उनके पास अपने बच्चों की मन की बात तक सुनने का समय नहीं रह पा रहा है, ऐसे में बच्चा अपनी पर्सनल बातें किससे शेयर करें यह विचार उनको अंदर ही अंदर परेशान करने लगता है।
कई बार आपका बच्चा आपसे अपनी कोई परेशानी या कोई बात बताने में हिचक महसूस करता है ऐसा नहीं है कि वह आपको नहीं बताना चाहता पर आपके बिजी शेड्यूल के चलते वह ना चाह कर भी चुप रहता है।
ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि जब आप अपने बच्चे के साथ हैं तो ऑफिस और अन्य कामों को छोड़कर आप केवल अपने बच्चे को समय दें ताकि आपके बच्चे को यह लगे कि उसको कोई परेशानी नहीं है और उसे अच्छा लगेगा।
इससे आपके बच्चे की मन की सारी बातें आपको पता चलेंगी और साथ ही आपको यह भी पता रहेगा कि उसकी जिंदगी में क्या चल रहा है। आपका बच्चा सही राह पर चल रहा है या किसी बुरी संगति में फंस चुका है इस बात का पता केवल आप तभी लगा सकते हैं जब आप अपने बच्चे को समय देंगे।
बच्चो की नजर में हीरो बने ….
माता-पिता कभी भी रोष में आकर अपने बच्चे के सामने कोई ऐसा काम ना करें जिससे आपका बच्चा तुरंत कॉपी कर ले क्योंकि अक्सर ऐसा होता है कि जब माता-पिता बच्चे के सामने गुस्सा करते हैं तो आपका बच्चा भी वही आदत सीख लेता है,और समय के साथ-साथ अपने ऊपर उस चीज को अप्लाई करना शुरू कर देता है तो ऐसे में बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखना ही बेहतर होता है।
इसलिए यह जरूरी है कि जितना हो सके हमें अपने बच्चे के सामने अच्छे ढंग से पेश आना चाहिए ताकि हमारा बच्चा भी अच्छी आदतों को कैच करें और उस पर किसी प्रकार का बुरा प्रभाव ना पड़े आपको कभी भी अपने बच्चे के सामने लड़ाई झगड़ा जैसी चीजें नहीं करनी है खुद को ऐसे कार्यों में सम्मिलित करें जो आपको एक बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।
बच्चो को छोटे कामों से जोड़कर जिम्मेदार बनाएं …..
जिम्मेदार इंसान जिंदगी में अकसर सफलता को प्राप्त कर ही लेता है इसलिए आपके बच्चे को बचपन से ही जिम्मेदार होना या अपने बच्चे को जिम्मेदार बनाना एक अच्छे माता-पिता के लक्षण होते हैं तभी बच्चा आगे चलकर बड़ी जिम्मेदारियों को संभालेगा।
अपने बच्चे को जिम्मेदार बनाने के लिए आपको अपने बच्चे से घर के छोटे-मोटे काम करवाने चाहिए ताकि उसे एहसास हो कि घर में साफ सफाई रखना उनकी जिम्मेदारी है।
छोटी मोटी जिम्मेदारी जैसे सुबह के समय बच्चे को बिस्तर सही करने को कहना क्योंकि बच्चे की बिस्तर से उठने के बाद उसकी पहले जिम्मेदारी उसको बिस्तर बनाना है यह आदत आप ही को सिखाने होगी।
अपने बच्चे को यह आदत सिखाएं कि उसे बगीचे में पौधों को पानी देना है या व्यर्थ रूप से उग रहे पेड़ पौधों को बगीचे से हटाना है ऐसा करने से बच्चों में कार्य करने की क्षमता बनेगी और वह परिश्रमी बनेंगे।
अपनी बच्चों की किसी और से नकारात्मक तुलना ना करे …
अकसर माता-पिता अपने बच्चों के साथ यह गलती कर बैठते हैं कि यह उनकी तुलना और बच्चों से करने लगते हैं ऐसे में बच्चे के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ऐसे में माता-पिता को भूलकर भी अपने बच्चे की तुलना किसी अन्य से नहीं करनी चाहिए वरना बच्चे के मन में नकारात्मक सोच पैदा होने लगती है।
अमेरिका में हुए एक अध्ययन के अनुसार यदि माता-पिता अपने बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से करते हैं तो ऐसे में आपका बच्चा डिप्रेशन का शिकार हो जाता है।
इसलिए तुलना करने की अपेक्षा में यदि आप अपने बच्चों को अच्छा करने की सलाह देंगे तो ज्यादा बेहतर होगा और आपका बच्चा उसे बेहतर करने का प्रयास भी करेगा।
अपने बच्चों में सोशल स्किल्स विकसित करें ..
एक अध्ययन से पता चला है कि 13 से 19 वर्ष के 800 से अधिक बच्चों पर यह अध्ययन करने के बाद पता चला है कि जिन बच्चों के सोशल स्किल्स विकसित हैं वह बच्चे आगे चलकर ज्यादा आत्म विश्वासी और सफल बनते हैं।
ये उपाय है लाभकारी …
चीज़े शेयर करना।
सहयोग करना।
दूसरों की सहायता करना।
बड़ों के साथ नम्र व्यवहार रखना।
जरूरत होने पर सहायता के लिए पूछना।
ध्यान से सुनना।
दूसरों की भावनाओ के कद्र करना।
बात करते हुए नम्र भावो से आँखे मिलाना।
झूठ ना बोलना।
अच्छा काम करने पर दूसरों को बधाई देना।
पति-पत्नी का आपसे रिश्ता भी मजबूत होना चाहिए यह भी बच्चों के लालन पोषण के लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है
पति-पत्नी का अच्छा रिश्ता होना बच्चे के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यदि आपके घर में अक्सर लड़ाई झगड़े जैसा माहौल रहता है तो आपका बच्चा कितनी भी अच्छी जगह रह ले कुछ भी सीख ले सब बेकार के बराबर होता है।
जिन घरों में अकसर झगड़े होते रहते हैं या माता-पिता की अकसर बहस होती रहती है तो उस घर में बच्चे कभी भी खुश नहीं रहते हैं। इसलिए हर माता-पिता का यह दायित्व बन जाता है कि अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देने के लिए अपने रिश्ते को खूबसूरत बनाए रखने की जरूरत है।
हमे उम्मीद है कि हमारे द्वारा साझा की गई जानकारी आपके जीवन को खूबसूरत बनाने में जरूर लाभप्रद साबित होगी।
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