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GST New Rule: GST के इन नए नियमों से व्यापारियों की खैर नहीं! ब्याज के साथ लौटना पड़ेगा पैसा, जानें क्या है ये नए नियम

GST New Rule: GST के इन नए नियमों से व्यापारियों की खैर नहीं! ब्याज के साथ लौटना पड़ेगा पैसा, जानें क्या है ये नए नियम

GST New Rule: GST के इन नए नियमों से व्यापारियों की खैर नहीं! ब्याज के साथ लौटना पड़ेगा पैसा, जानें क्या है ये नए नियम
GST New Rule: GST के इन नए नियमों से व्यापारियों की खैर नहीं! ब्याज के साथ लौटना पड़ेगा पैसा, जानें क्या है ये नए नियम

GST New Rule: GST के इन नए नियमों से व्यापारियों की खैर नहीं! ब्याज के साथ लौटना पड़ेगा पैसा, जानें क्या है ये नए नियम

 

GST New Rule: GST परिषद टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक नया कानून लाने की तैयारी में है, जिसे आईसीटी के माध्यम से लागू किया जा सकता है।

इस पर 11 जुलाई को निर्णय लिया जा सकता है। नयी सिस्टम में, व्यापारियों को अधिक आईसीटी का दावा करने पर इसका योग्य जवाब देना होगा।

GST New Rule: GST के इन नए नियमों से व्यापारियों की खैर नहीं! ब्याज के साथ लौटना पड़ेगा पैसा, जानें क्या है ये नए नियम

Bhushan Jewellers Nov

GST New Rule: वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद नये नियम के साथ सामने आने की योजना बना रही है। इस नए नियम के तहत, यदि किसी कंपनी या व्यापारी ने अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया है, तो उसे इसकी वजह स्पष्ट करनी होगी, या उसे अधिक रकम सरकार के खजाने में जमा करनी होगी।

यदि स्वयं उत्पन्न की गई आईटीसी और GST रिटर्न में दाखिल की गई आईटीसी में बहुत अधिक अंतर मिलता है, तो GST पंजीकृत व्यक्ति को इसकी जानकारी दी जाएगी।

इसके साथ ही, उससे यह जानने की कोशिश की जाएगी कि उसने स्वयं उत्पन्न की गई आईटीसी से अधिक दावा क्यों किया है।

यदि वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाता, तो उसे अधिक राशि के साथ ब्याज भी वापस करना होगा। 11 जुलाई को होने वाली GST परिषद की 50वीं बैठक में, समिति की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

वर्तमान में, व्यापारी अपने आपूर्तिकर्ताओं द्वारा किए गए टैक्स भुगतान का उपयोग अपने GST चुकती को अदायगी के लिए करते हैं।

वापसी करनी होगी किसको

ऐसे मामले, जहां GST रिटर्न-1 और GST रिटर्न-3B में घोषित टैक्स की राशि में 25 लाख रुपए या 20 प्रतिशत से अधिक का अंतर हो, ऐसे व्यापारियों को इसका कारण बताना होगा, या बाकी कर राशि जमा करनी होगी। GST नेटवर्क GST रिटर्न-2B फॉर्म तैयार करता है, जो एक स्वयं उत्पन्न दस्तावेज है।

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इस दस्तावेज के माध्यम से, आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जमा किए गए सभी दस्तावेजों में उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की जानकारी प्राप्त होती है।

यह फॉर्म व्यापारियों को अपने ITC के दावों की जांच करने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि वे न्याय्य और सही तरीके से अपने ITC का उपयोग कर रहे हैं।

विधि समिति विचार कर रही है कि यदि एक पंजीकृत व्यापारी के बाहरी आपूर्ति या मासिक GST Return-1 में दिखाया गया विवरण उसके दावे की तुलना में अधिक है, तो उसे अगले चरण तक प्रतीक्षा करने या अतिरिक्त ITC के दावे को वापस लेने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, जब तक वह टैक्स अधिकारी को उनके प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे देता।

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Written by newsghat

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