Gurudwara Paonta Sahib: पांवटा साहिब में पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया खालसा स्थापना दिवस, ये रहे कार्यक्रम
Gurudwara Paonta Sahib: गुरु नगरी पावंटा साहिब में खालसा स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। आज के ही दिन सिक्खों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ स्थापना की और सिख समुदाय के सदस्यों से गुरु और ईश्वर के लिए खुद को बलिदान करने के लिए आगे आने को कहा।
जानकारी देते गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के मैनेजर जगीर सिंह ने बताया की खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोविन्द सिंह जी ने बैशाखी वाले दिन आनंदपुर साहिब से की, इस दिन उन्होंने पांच प्यारों को अमृतपान करवाया और खालसा बनाया इसके बाद उन पांच प्यारों के हाथों से स्वयं भी अमृतपान किया।
उन्होंने बताया कि तलवार और केश तो पहले ही सिखों के पास थे,गुरु गोविन्द सिंह जी ने खंडे बाटे का अमृत तैयार कर कड़ा, कंघा और मजबूत चरित्र के प्रमाण कच्छेरा दिया, और इसी दिन से खालसा नाम के पीछे सिंह लग गया।
उन्होंने बताया कि बैसाखी का त्यौहार सिख पंथ के जन्म का स्मरण है, जो नौंवे गुरु तेग बहादुर के बाद शुरू हुआ, क्योंकी प्रकृति का एक नियम यह भी हैं की, जब भी किसी जुल्म ,अन्याय ,अत्याचार की पराकाष्ठा होती है, तो उसे सही करने के लिए कोई भी कारण बन जाता है।
ठीक ऐसे ही जब धार्मिक स्वंतत्रता के लिए खड़े होकर इस्लाम में धर्मपरिवर्तन के लिए इंकार कर दिया था तो बाद में मुगल सम्राट ओरंगजेब के आदेश के तहत उनका शिरछेद कर दिया गया।
गुरु की शहीदी ने सिख धर्म के दसवें और अंतिम गुरु के राजयभिषेक और खालसा के संत सिपाही समूह का गठन की और दोनों ही बैशाखी के दिन शुरू हुए थे।
इसी उपलक्ष में आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पावंटा साहिब में संगतों की भारी भीड़ देखने को मिली।
पूर्व मैनेजर कुलवंत सिंह ने बताया का दिन दिन स्मरणीय, अविश्वनिय और अकल्पनीय है। संगत आज काफी संख्या में पहुंची जिनके लिए 24 घंटे लंगर छकने की ,रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की है।
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