Health Alert: बाजार से गायब होंगी ये दवाएं! इन दवाओं को लेकर भारत सरकार ने उठाया बड़ा कदम! देखें क्या आपकी दवा भी है प्रतिबंधित सूची में
Health Alert: भारत सरकार ने हाल ही में स्वास्थ्य और सुरक्षा के मद्देनजर 22 दवाओं के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगा दी है।
Health Alert: बाजार से गायब होंगी ये दवाएं! इन दवाओं को लेकर भारत सरकार ने उठाया बड़ा कदम! देखें क्या आपकी दवा भी है प्रतिबंधित सूची में
इस पहल में शामिल 14 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर पहले ही जून महीने में प्रतिबंध लगाया जा चुका था, जबकि अब 8 नई दवाएं इस सूची में जोड़ी गई हैं। ये सभी दवाएं सिंगल ड्रग श्रेणी में आती हैं और अब बाजार में उपलब्ध नहीं होंगी।
कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ दवाएं तुरंत आराम तो देती हैं, लेकिन लंबे समय में वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।
इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए और विशेषज्ञ समिति की सलाह पर केंद्र सरकार ने यह कठोर कदम उठाया है। इन दवाओं के मिश्रण में दो या अधिक दवाओं का संयोजन होता है, जिसके कारण संभावित जोखिम बढ़ जाता है।
प्रतिबंधित की गई दवाओं में COPD, दर्द निवारक, किडनी संबंधित, नाक और साइनस के रोगों के लिए उपयोगी दवाएं शामिल हैं।
इनमें निमेसुलाइड, पैरासिटामोल टैबलेट, क्लोफेनिरामाइन मेलेट और कोडाइन सिरप का कॉम्बिनेशन, फोल्कोडाइन, प्रोमेथाजाइन, एमोक्सोलिन, ब्रोहेक्साइन जैसे सक्रिय तत्व शामिल हैं। ये दवाएं सर्दी, खांसी, कफ, बुखार जैसे सामान्य संक्रमणों के उपचार में प्रयोग की जाती थीं।
लेकिन, इनके संभावित नुकसानदायक प्रभावों के चलते अब इनका निर्माण और वितरण प्रतिबंधित किया गया है।
विशेषज्ञ समिति के अनुसार, इन दवाओं का उपचारात्मक उपयोग संदेहास्पद है और इनसे स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
इसीलिए, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक अधिनियम-1940 की धारा 26 के तहत इनके निर्माण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाना जरूरी समझा गया।
इसके अलावा, फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाएं, जिनमें दो या दो से अधिक दवाओं का संयोजन होता है, इन्हें ‘कॉकटेल’ दवाएं भी कहा जाता है। इनका उपयोग कई बार जटिल रोगों के उपचार में होता है।
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह के अनुसार, ड्रग विभाग दवाओं की गुणवत्ता पर सजग नजर रखे हुए है और प्रदेश में फार्मा उद्योगों का निरीक्षण निरंतर किया जा रहा है।
उनका कहना है कि गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और बैन की गई दवाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।