Health News Update: डॉक्टर्स नहीं होंगे जैनरिक दवाएं लिखने को मजबूर! डॉक्टर्स को जैनरिक दवाएं लिखने के लिए मजबूर करने वाले कानून पर लगी रोक! पढ़ें पूरी डिटेल
Health News Update: डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों के बीच संबंध को लेकर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने कुछ नए नियम बनाए। इस लेख में हम उन नियमों को विस्तार से समझेंगे।
Health News Update: डॉक्टर्स नहीं होंगे जैनरिक दवाएं लिखने को मजबूर! डॉक्टर्स को जैनरिक दवाएं लिखने के लिए मजबूर करने वाले कानून पर लगी रोक! पढ़ें पूरी डिटेल
Health News Update: क्या है नए नियम
अब डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों से गिफ्ट प्राप्त करना, किसी विशेष दवा ब्रांड का प्रचार करना, या किसी स्पॉन्सर्ड कॉन्फ्रेंस में भाग लेना मना है।
नियमों का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों के और दवा कंपनियों के बीच हो सकते घातक संबंध को समझना और उसे प्रभावित करना है। लेकिन फिलहाल आईएमए के विरोध के बाद इन कानून पर रोक लगा दी गई है।
Health News Update: IMA की आलोचना
IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) का तर्क है कि जेनेरिक दवाओं की मानकता पर संदेह होने के कारण, डॉक्टरों को सिर्फ जेनेरिक दवा पर विश्वास करने के लिए मजबूर करना उचित नहीं है।
उन्होंने भारत में उत्पादित दवाओं का केवल 0.1% का मानकीकरण होता है, जिससे पैटिएंट्स के लिए सुरक्षा संकट हो सकता है।
Health News Update: नियम की प्रमुख बिंदु
जेनेरिक दवा का प्रचार: डॉक्टरों को सिर्फ जेनेरिक दवाओं की प्रस्तुति करनी चाहिए।
गिफ्ट और फायदे: डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों से कोई भी गिफ्ट, ट्रेवल फैसिलिटी या अन्य लाभ प्राप्त नहीं करना चाहिए।
स्पॉन्सर्ड कार्यक्रम: डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों द्वारा स्पॉन्सर्ड कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए।
यदि डॉक्टर इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें दंडित किया जा सकता है और उनका प्रैक्टिस करने का लाइसेंस भी सस्पेंड किया जा सकता है।
इस तरह से, यह नए नियम डॉक्टरों और फार्मा कंपनियों के बीच संबंध को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने के लिए बनाए गए हैं।
हालांकि, इसमें कुछ समस्याएँ हैं, जिसे समझने और सुधारने की जरूरत है। इसे देखते हुए फिलहाल इस कानून पर रोक लगा दी गई है।