Himachal Health Alert: हिमाचल प्रदेश में हर तीसरा व्यक्ति ओबोसिटी की समस्या से ग्रस्त! एक अध्ययन में हुआ खुलासा
Himachal Health Alert: हिमाचल प्रदेश में हर तीसरे व्यक्ति का पेट बढ़ चुका है। यहां 56% लोग पेट के मोटापे से पीड़ित हैं। यह जानकारी आईसीएमआर इंडियाब नेशनल क्रॉस सेक्शनल स्टडी के अनुसार है।
Himachal Health Alert: हिमाचल प्रदेश में हर तीसरा व्यक्ति ओबोसिटी की समस्या से ग्रस्त! एक अध्ययन में हुआ खुलासा
Himachal Health Alert: अध्ययन ने यह भी खुलासा किया है कि हिमाचल प्रदेश के मुकाबले हरियाणा और पंजाब में पेट के मोटापे से अधिक पीड़ित लोग हैं। हरियाणा में 60.6% और पंजाब में 59.6% लोग इससे प्रभावित हैं, वहीं उत्तराखंड में 48% लोग इससे पीड़ित हैं।
अध्ययन में पेट के मोटापे को ‘एब्डोबिनल ओबिसिटी’ कहा गया है। यहां हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में 48.5% से 63.7% तक लोग इससे प्रभावित पाए गए हैं।
यदि हम सामान्य मोटापे की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में 38.7%, हरियाणा में 39.6%, पंजाब में 43.8% और उत्तराखंड में 35.1% लोग इससे प्रभावित हैं।
इस अध्ययन को देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस अध्ययन का आयोजन किया गया था। इसके लिए हर राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का सम्मिलन किया गया।
हर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से 2800 लोगों पर और शहरी क्षेत्रों से 1200 लोगों पर यह अध्ययन किया गया। हर राज्य से कुल मिलाकर 4,000 लोगों को इस अध्ययन में शामिल किया गया।
विश्लेषण: अधिक और असंतुलित आहार, निष्क्रियता का चर्बी में परिवर्तन
इस अध्ययन परियोजना में शामिल आईजीएमसी शिमला के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार मोक्टा ने बताया कि अतिरिक्त और असंतुलित भोजन, और शारीरिक काम न करने के कारण, कार्बोहाइड्रेट चर्बी में परिवर्तित हो जाता है।
यह चर्बी पेट में जमा हो जाती है। पेट की चर्बी सबसे खतरनाक होती है क्योंकि यह मेटाबॉलिक एक्टिव फैट होती है, जो विभिन्न प्रकार के रसायन उत्सर्जित करती है।
यह इंसुलिन की कार्यक्षमता को कम कर देता है, जिससे मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि एक पुरुष की कमर 90 सेंटीमीटर और एक महिला की कमर 80 सेंटीमीटर से अधिक है, तो उसे पेट का मोटापा माना जाता है।
भारतीयों का वजन सामान्य हो सकता है, लेकिन पेट की स्थिति असामान्य होती है। हिमाचल प्रदेश की स्थिति भी इसी तरह है।