Himachal News: मिसाल बने हिमाचल के किसान दिकृष्ण चंद! खेती, बागवानी, पशु और मत्स्य पालन से घर में ही कमा रहे लाखों
Himachal News: कृषि के साथ-साथ इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे-बागवानी, पशु पालन, दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन को भी विशेष रूप से बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आर्थिकी मजबूत की दिशा में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किए जा रहे विशेष प्रयास अब रंग लाने लगे हैं।
Himachal News: मिसाल बने हिमाचल के किसान दिकृष्ण चंद! खेती, बागवानी, पशु और मत्स्य पालन से घर में ही कमा रहे लाखों
प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर कई प्रगतिशील किसान कृषि और इससे संबंधित अन्य क्षेत्रों में एक समग्र सोच के साथ कार्य करते हुए अपने घर में ही अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। इन्हीं किसानों में से एक हैं जिला हमीरपुर के दियोटसिद्ध क्षेत्र के गांव बाहल अर्जुन के कृष्ण चंद।
गांव में लगभग 40 कनाल भूमि के मालिक कृष्ण चंद ने कृषि विभाग, बागवानी विभाग, पशु पालन विभाग और मत्स्य पालन विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर समग्र कृषि का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। आज वह प्राकृतिक खेती के साथ-साथ बागवानी, पशु पालन और मत्स्य पालन को अपनाकर घर में ही लाखों की आय अर्जित कर रहे हैं।

हमेशा कड़ी मेहनत में विश्वास करने वाले कृष्ण चंद वैल्डिंग का काम करके अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे थे। उनके पास 40 कनाल पुश्तैनी जमीन तो थी, लेकिन इससे उन्हें कोई खास आय नहीं हो पा रही थी। जैसे-तैसे अपने गुजारे लायक अनाज पैदा कर लेते थे। इसके ज्यादा कुछ नहीं हो पाता था।
वह कृषि के क्षेत्र में कुछ नया तो करना चाहते थे, लेकिन उसके लिए जमीन को तैयार करने तथा सिंचाई इत्यादि का प्रबंध करने लायक पैसे उनके पास नहीं थे। इसलिए, उनका यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। इसी बीच, कृष्ण चंद को मत्स्य पालन विभाग की योजना की जानकारी मिली।
विभाग के अधिकारियों ने उन्हें इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मछली पालन हेतु तालाब बनाने तथा पानी का प्रबंध करने के लिए लगभग 14 लाख रुपये की योजना बनाई। इस पर उन्हें 60 प्रतिशत यानि लगभग 8.40 लाख रुपये की सब्सिडी मिली। उन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाला पंप भी स्थापित किया।
फूलों की खेती के लिए उन्होंने उद्यान विभाग से 85 प्रतिशत की सब्सिडी पर पॉलीहाउस भी लगाए। लगभग ढाई वर्ष पहले मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के आह्वान पर कृष्ण चंद ने प्राकृतिक खेती भी शुरू की। वह खेतों में मक्की और गेहूं जैसी परंपरागत फसलें उगा रहे हैं और इन्हीं खेतों की मेंढ़ों उन्होंने पलम, आड़ू, खुमानी और अनार के फलदार पौधे लगाए हैं। वह विशुद्ध रूप से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने घर में साहीवाल नस्ल की गाय रखी है और गोबर की खाद बनाने के लिए वर्मी कंपोस्ट पिट बनाए हैं। यानि कृष्ण चंद ने अपनी लगभग 40 कनाल भूमि पर समग्र खेती का ऐसा मॉडल स्थापित किया है जोकि अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुका है।
उनके तालाब में तैयार होने वाली लगभग 6 किस्मों की मछलियां स्थानीय बाजार में ही बिक जाती हैं, वहीं पॉलीहाउस के फूल दिल्ली तक पहुंचाए जा रहे हैं। इससे उन्हें घर में ही काफी अच्छी आय हो रही है। कृष्ण चंद ने बताया कि फूलों की खेती से उन्हें सालाना 3 से 4 लाख रुपये तक शुद्ध लाभ हो रहा है और मत्स्य पालन से भी ढाई लाख रुपये तक आमदनी हो रही है।
यह प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों की योजनाओं के कारण ही संभव हो पाया है। इसके लिए बार-बार मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कृष्ण चंद का कहना है कि आज के युवा नौकरी के लिए जहां-तहां भटकने के बजाय अगर अपनी पुश्तैनी जमीन पर समग्र खेती करें तो उन्हें अपने घर में ही अच्छा रोजगार मिल सकता है और वे कई अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं।
दिन भर की ताजा खबरों के अपडेट के लिए WhatsApp NewsGhat Media के इस लिंक को क्लिक कर चैनल को फ़ॉलो करें।

Our passionate journalist at Newsghat, dedicated to delivering accurate and timely news from Paonta Sahib, Sirmaur, and rural areas. With a focus on community-driven stories, we ensures that every report reaches you with clarity and truth. At Newsghat, it’s all about “आपकी बात”!