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Himachal News: हिमाचल में कार्प मछली पालन में वृद्धि! एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ

Himachal News: हिमाचल में कार्प मछली पालन में वृद्धि! एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ

Himachal News: हिमाचल में कार्प मछली पालन में वृद्धि! एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ

Himachal News: हिमाचल में कार्प मछली पालन में वृद्धि! एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ

Himachal News: हिमाचल प्रदेश में कार्प मछली उत्पादन पिछले वर्ष के 6,767.11 मीट्रिक टन की तुलना में बढ़कर 7,367.03 मीट्रिक टन हो गया है। वर्तमान में लगभग 2600 मछुआरे कार्प मछली पालन का कार्य कर रहे हैं और उत्पादन वृद्धि से उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है।

Himachal News: हिमाचल में कार्प मछली पालन में वृद्धि! एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि वर्तमान प्रदेश सरकार मछुआरों को उच्च गुणवत्ता वाली मछली के बीज उपलब्ध करवा रही है और प्रदेश में सात सरकारी कार्प मछली फार्म स्थापित किए गए हैं। प्रदेश मात्स्यिकी विभाग किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले मछली के बीज उपलब्ध करवाने के लिए अनेक कदम उठा रहा है।

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उन्होंने कहा कि मई, 2024 में विभाग ने नेशनल फ्रेशवाटर फिश ब्रूड बैंक, भुवनेश्वर से उन्नत अमुर कार्प बीज खरीदे हैं। इन बीजों का उपयोग सोलन जिला के नालागढ़ स्थित फिश सीड फार्म और ऊना जिला के गगरेट फिश सीड फार्म में ब्रूड स्टॉक्स विकसित करने के लिए किया जा रहा है। अगले वर्ष से किसानों को इन फार्मों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध होंगे।

इनकी उत्पादन दर पारंपरिक प्रजातियों की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जून, 2024 में केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन अनुसन्धान संस्थान भुवनेश्वर के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए हैं। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत जयंती रोहू और अमृत कटला प्रजातियों के उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाए गए हैं।

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इन प्रजातियों के ब्रूड स्टॉक्स फिश सीड फार्म नालागढ़ में विकसित किए जा रहे हैं और अगले दो वर्षों के भीतर किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। इन प्रजातियों की वृद्धि दर पारंपरिक किस्मों की तुलना में 20-25 प्रतिशत अधिक है और इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक है। किसानों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मात्स्यिकी विभाग द्वारा जिला ऊना के गगरेट में पांच करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है।

इसके अलावा, विभाग द्वारा जल्द ही जिला सोलन के नालागढ़ में कार्प फिश ब्रूड बैंक स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को तालाब निर्माण के लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि अब तक सामान्य श्रेणियों के किसानों को 14 हेक्टेयर क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 1.38 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

इसके अलावा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को छह हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए 59.52 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि शीघ्र ही जारी की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत किसान अधिकतम एक हेक्टेयर भूमि पर तालाब बना सकते हैं, जिसमें तालाब का आकार न्यूनतम 500 वर्ग मीटर होगा। उन्होंने कहा कि 500 वर्ग मीटर तालाब निर्माण के लिए 49,600 रुपये तथा एक हेक्टेयर तालाब निर्माण के लिए 9.92 लाख रुपये अनुदान का प्रावधान है।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि यह योजना प्रदेश के आठ जिलों बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर, चंबा और ऊना में क्रियान्वित की जा रही है। इन तालाबों में रोहू, कटला, मृगल, कॉमन कार्प और ग्रास कार्प का पालन किया जा रहा है, जिनका बाजार मूल्य अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि मछुआरे एक हेक्टेयर तालाब में मछली पालन करके 10.50 लाख रुपये का लाभ अर्जित कर सकते हैं, जबकि 500 वर्ग मीटर की सबसे छोटी इकाई से भी 50,000 रुपये तक का आर्थिक लाभ हो सकता है।

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Written by News Ghat

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