Himachal News Alert: हाटी को जनजातीय मुद्दे पर मंत्री के सामने जोरदार हंगामा नारेबाजी बहिष्कार! हाटी समिति ने लगाए गंभीर आरोप! क्या है पूरा मामला देखें रिपोर्ट
Himachal News Alert: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में, हाटी समुदाय ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
इस बैठक का आयोजन राज्य सचिवालय में किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न समुदायों की राय एकत्रित करना था।
बैठक के दौरान, हाटी समुदाय के सदस्यों ने एसटी स्टेटस (ST Status) की मांग की और एससी समुदाय के पक्ष पर असहमति जताते हुए नारेबाजी की।
यह विरोध इतना तीव्र था कि बैठक में तनातनी का माहौल बन गया। अंततः, हाटी समुदाय के प्रतिनिधियों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए कक्ष से बाहर चले गए।
क्या बोले हाटी समिति के पदाधिकारी
हाटी विकास मंच शिमला के अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा ने केंद्रीय और राज्य सरकारों पर इस मुद्दे को बार-बार लटकाने और भटकाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और उन्होंने बैठक में न्यायसंगत प्रतिनिधित्व न करने की भी शिकायत की।
वहीं, केंद्रीय हाटी समुदाय के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने बताया कि समुदाय में कानून लागू न होने के कारण गुस्सा और आक्रोश हो गया है।
उन्होंने कहा कि हाटी समुदाय के लोगों का धैर्य अब जवाब दे रहा है और वे लंबे समय से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
डॉ. कमल ने बताया कि समुदाय के लोग इस बात से नाराज हैं कि कानूनी प्रक्रिया में देरी के कारण उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है।
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कही ये बात
जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने इस संदर्भ में कहा कि राज्य सरकार ने हाटी समुदाय को ST दर्जा देने के मामले में केंद्र सरकार से कुछ विशेष बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में लॉ विभाग से भी सलाह मांगी गई है और बैठक का बहिष्कार करने वाले लोगों के मुद्दों को भी सुना जाएगा।
शिलाई के विधायक और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कही ये बात..
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार किसी भी प्रकार का टकराव नहीं चाहती और वे इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने गिरिपार क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया कि इस मसले पर जल्दी ही कोई समाधान निकाला जाएगा और केंद्रीय कानून मंत्री से इस विषय पर चर्चा की जाएगी।
इस तरह, हाटी समुदाय के विरोध और बहिष्कार से उनकी मांगों और चिंताओं को उजागर किया गया है, और अब सरकार इस मामले में आगे कदम उठाने की ओर अग्रसर है।