Himachal Pharma Industry: हिमाचल प्रदेश में दवा उद्योगों को लेकर सामने आई बड़ी ख़बर! दवा उद्योग क्षेत्र में हड़कंप! क्या है पूरा मामला यहां देखें डिटेल
Himachal Pharma Industry: हिमाचल प्रदेश में दवा निर्माण क्षेत्र में बड़ी हलचल हुई है। राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने गुणवत्ता मानकों की उपेक्षा करने वाले 10 दवा उद्योगों पर सख्त कदम उठाते हुए उनके दवा उत्पादन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
Himachal Pharma Industry: हिमाचल प्रदेश में दवा उद्योगों को लेकर सामने आई बड़ी ख़बर! दवा उद्योग क्षेत्र में हड़कंप! क्या है पूरा मामला यहां देखें डिटेल
Himachal Pharma Industry: इसके साथ ही, एक दवा परीक्षण प्रयोगशाला पर भी कार्रवाई की गई है। बता दें कि इन उद्योगों में से अधिकांश मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए दवा निर्माण करते हैं।
इस कार्रवाई का आधार था रिस्क बेस्ड निरीक्षण, जिसके तीसरे चरण में सिरमौर, सोलन, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन), ऊना और कांगड़ा के दवा उद्योगों में विभिन्न अनियमितताएं पाई गईं। इन अनियमितताओं में सबसे चिंताजनक बात यह थी कि कुछ उद्योगों में निर्मित दवाएं बार-बार सबस्टैंडर्ड पाई गईं।
राज्य दवा नियंत्रक, नवनीत मारवाह के अनुसार, यह कदम गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। प्रदेश सरकार दवा निर्माण में गुणवत्ता को लेकर जीरो टोलरेंस नीति पर काम कर रही है।
इस निरीक्षण में, जिन 10 दवा उद्योगों और एक लैब की बात की जा रही है, उनमें से आठ उद्योग बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्र में स्थापित हैं, जबकि दो उद्योग सिरमौर जिले में हैं। इसी तरह, नालागढ़ में स्थित एक निजी ड्रग टेस्टिंग लैब का भी निरीक्षण किया गया, जहां तय मानकों की अनदेखी पाए जाने पर परीक्षण पर रोक लगा दी गई।
इससे पहले, सितंबर माह में राज्य दवा नियामक ने हिमाचल की 12 प्राइवेट ड्रग टेस्टिंग लैब का निरीक्षण किया था, जिनमें से सात लैब को अनियमितता पाए जाने पर बंद कर दिया था।
उनमें से तीन लैब ने कमियों को दूर कर उत्पादन फिर से शुरू किया, जबकि चार अभी भी बंद हैं। आरोप है कि कुछ लैब भ्रष्टाचार कर बिना टेस्टिंग के ही दवाओं को मंजूरी दे रही थीं।
इस कार्रवाई से दवा निर्माताओं में हड़कंप मच गया है, और यह घटना गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे उद्योग जगत में बेहतर नियामकीय प्रक्रियाओं की आवश्यकता को भी बल मिलता है।
राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण की यह कार्रवाई न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे देश में दवा निर्माण के क्षेत्र में एक मजबूत संदेश देती है।