Himachal Pradesh : 10वीं के छात्र की सूझबूझ ने बचाई 40 बच्चों की जान! हादसा टला, चालक-परिचालक पर कार्रवाई
शिमला। ठियोग के रहीघाट में गुरुवार सुबह एक स्कूली बस अनियंत्रित होकर सरकने लगी। बस में 40 बच्चे सवार थे। चालक और परिचालक बाहर खड़े थे। अचानक हुए इस हादसे से सभी डर गए, लेकिन एक छात्र ने हिम्मत दिखाई।
दसवीं कक्षा के छात्र आदित्य मेहता ने फौरन चालक की सीट तक पहुंचकर ब्रेक लगाई। उसकी तुरंत सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। बच्चों में डर का माहौल था, चीख-पुकार मच गई थी। पास खड़े लोग भी हैरान रह गए।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के मुताबिक, निजी स्कूल की बस रहीघाट में बच्चों को लेने रुकी थी। चालक और परिचालक बाहर खड़े थे। तभी बस के पहिये सरकने लगे। ढलान होने से बस तेजी से आगे बढ़ने लगी। स्थिति बेकाबू हो सकती थी।
आदित्य ने समय रहते हालात संभाले। उसने बस को रोककर सभी की जान बचाई। स्थानीय लोगों ने इसे चमत्कार बताया। अगर ब्रेक न लगती, तो बस गहरी खाई में गिर सकती थी।
प्रत्यक्षदर्शी ने क्या कहा?
पूर्व पार्षद विपिन वर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी बच्चों को बस में बैठाने गई थीं। बस सरकते ही उन्होंने शोर मचाया। विपिन बाहर निकले तो देखा कि चालक-परिचालक लापरवाही बरत रहे थे। यह देखकर गुस्सा भड़क गया।
उन्होंने स्कूल पहुंचकर शिकायत की। लोगों ने भी चालक की गैरजिम्मेदारी पर सवाल उठाए। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। अभिभावकों में भी नाराजगी फैल गई।
स्कूल प्रशासन का फैसला
स्कूल की प्रधानाचार्य आराधना भारद्वाज ने तुरंत बैठक बुलाई। चालक और परिचालक की लापरवाही सामने आई। दोनों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया गया। स्कूल ने ठियोग पुलिस में शिकायत भी दर्ज की।
प्रधानाचार्य ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्कूल ने अभिभावकों को भरोसा दिलाया।
छात्र की तारीफ
आदित्य की बहादुरी की हर तरफ चर्चा है। उसने न सिर्फ अपनी, बल्कि 39 साथियों की जान बचाई। लोग उसे हीरो बता रहे हैं। इस घटना ने सतर्कता की मिसाल पेश की।
स्थानीय लोगों ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठने चाहिए। बसों की जांच और चालकों की ट्रेनिंग जरूरी है। पुलिस जांच से सच सामने आएगा।